जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अब भारत ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सीमा की रक्षा को और अजेय बनाने के लिए भारतीय सेना के हाथ लगे हैं रूस से आए घातक Igla-S मिसाइल सिस्टम। ये वही मिसाइलें हैं जो अब दुश्मन के हर उड़ते खतरों – चाहे ड्रोन हो, लड़ाकू विमान या हेलिकॉप्टर- को हवा में ही खाक कर देंगी।
सरकार ने सेना को दिए आपातकालीन अधिकारों के तहत यह सौदा पूरा किया है, जिसकी कीमत लगभग 260 करोड़ रुपये है। अब इन्हें सीधे सीमावर्ती चौकियों पर तैनात किया जा रहा है, ताकि पाकिस्तान या चीन की कोई भी नापाक चाल हवा में ही नष्ट हो सके।
कंधे पर मिसाइल, आंखों में आग- अब कोई नहीं बचेगा
यह कोई आम मिसाइल नहीं, बल्कि सैनिक इसे कंधे पर रखकर दागते हैं, और यह 6 किलोमीटर की दूरी तक किसी भी हवाई लक्ष्य को पल में तबाह कर सकती है। भारत की थल सेना और वायुसेना पहले से ही 'इग्ला' तकनीक का उपयोग करती रही है, लेकिन अब सेना को मिली है उसकी सबसे खतरनाक उन्नत रूप –Igla-S
पिछली मिसाइलें अब बूढ़ी हो चुकी थीं, लेकिन Igla-S के आने से अब भारतीय सेना को मिली है तेज, सटीक और घातक मारक क्षमता। इस सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह आखिरी दीवार की तरह काम करता है – अगर दुश्मन इस रेंज में आ गया, तो उसके बचने की कोई संभावना नहीं।
अब दुश्मन के ड्रोन और फाइटर होंगे राख!
रूस की ‘Rosoboronexport’ कंपनी अब इस खतरनाक हथियार को भारत की एक निजी कंपनी के साथ मिलकर भारत में ही तैयार करने की योजना पर काम कर रही है। यानी अब भारत सिर्फ उपभोक्ता नहीं, निर्माता भी बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।
पाकिस्तान-चीन पर दोतरफा प्रहार
इग्ला-S की तैनाती से पश्चिमी मोर्चे (पाकिस्तान) और उत्तरी सीमा (चीन) – दोनों पर भारत की निगरानी और हमला क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। ड्रोन हमलों से निपटना हो या जासूसी के गुब्बारों को उड़ाना- अब भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक और घातक होगी।
इस नई तैनाती से न सिर्फ Defence in Depth यानी परतदार सुरक्षा प्रणाली को मज़बूती मिली है, बल्कि दुश्मन को यह साफ संदेश गया है – अब भारत पहले सहता नहीं, सीधे दागता है!