उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के इकौना क्षेत्र में स्थित एक आवासीय मदरसे ‘जामिया नूरिया फातिमा लिल्बनात’ को प्रशासन ने शनिवार को सील कर दिया। यह मदरसा बिना किसी सरकारी मान्यता के संचालित हो रहा था।
प्रशासन की कार्रवाई के समय मदरसे का संचालक, गुजरात के ढबोई दोधरा निवासी सैय्यद सिराजुद्दीन हाशमी, उपस्थित नहीं था। जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने मदरसा प्रबंधन के बैंक खातों की भी जांच के आदेश दिए हैं।
यह संस्थान गाटा संख्या 1354 नामक निजी भूमि पर चलाया जा रहा था। लगभग 300 छात्राएं इस मदरसे में पंजीकृत थीं, जिन्हें उर्दू, अरबी, हिंदी और अंग्रेज़ी की शिक्षा दी जाती थी। वर्तमान में शिक्षण कार्य बंद है और छात्राएं अपने घर लौट चुकी हैं, हालांकि छात्राओं के निजी सामान अब भी परिसर में मौजूद हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि पूर्व में एसडीएम द्वारा मदरसे की जांच कराई गई थी, जिसके आधार पर इसे बंद करने के आदेश पहले ही जारी किए जा चुके थे। अब प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर अंतिम कार्रवाई कर दी।
जिले में बीते सात दिनों में 68 मदरसों को बंद किया गया है क्योंकि वे आवश्यक दस्तावेज और मान्यता प्रमाण प्रस्तुत करने में असफल रहे। साथ ही, 164 मामलों में धारा 67 के तहत बेदखली की कार्रवाई भी की गई है।