दिल्ली पुलिस ने एक स्पेशल ड्राइव के तहत भारत में अवैध रूप से रहे बांग्लादेशी घुसपैठ नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। देश की राजधानी में बैठे इस गिरोह के सरगना का नाम है "चांद मियां", जो खुद भी बांग्लादेशी है और 5 साल की उम्र से भारत में अवैध रूप से रह रहा था। इस पूरे ऑपरेशन में अब तक 33 अवैध बांग्लादेशी, 6 घुसपैठिए, और 5 भारतीय दलालों को गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के पास से 11 फर्जी आधार कार्ड, 2 बांग्लादेशी पहचान पत्र, एक कंप्यूटर, 4 हार्ड डिस्क, एक कलर प्रिंटर, फिंगरप्रिंट स्कैनर, 8 मोबाइल फोन, सिम कार्ड और लगभग 20,000 रुपये नकद बरामद किए हैं। गिरोह पर आरोप है कि वह फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारत में बसाता था और उन्हें छोटी-मोटी नौकरियों में लगवाता था।
इस रैकेट का सरगना चांद मियां है, जो खुद भी बांग्लादेश से अवैध रूप से घुसकर भारत में महज़ 5 साल की उम्र से रह रहा था। वह पिछले कई वर्षों से पश्चिम बंगाल, मेघालय और बेनापोल बॉर्डर के ज़रिए बांग्लादेशियों को भारत में घुसपैठ करवा रहा था। चांद मियां दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे महानगरों में उन्हें ट्रेन से भेजता था और वहां फर्जी आधार व पैन कार्ड बनवाकर दिहाड़ी मजदूरी, कूड़ा बीनना और कबाड़ का काम दिलवाता था।
12 मार्च 2025 को दिल्ली पुलिस को एक बड़ी सूचना मिली कि तैमूर नगर में एक व्यक्ति अवैध रूप से रह रहा है। जब पुलिस ने असलम उर्फ मसूम मोहम्मद को पकड़ा तो उसने पूछताछ में बताया कि वह बांग्लादेश के नोआखाली का रहने वाला है और हाल ही में भारत में दाखिल हुआ है। उसी की निशानदेही पर चांद मियां और अन्य लोगों तक पुलिस पहुँची और विजयवाड़ा से चांद मियां को गिरफ्तार कर पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ कर दिया।
पुलिस के मुताबिक, चांद मियां हर दो महीने में एक से दो बार बांग्लादेश जाता था और हर बार 6 से 8 लोगों को अपने साथ अवैध रूप से भारत लाता था। गिरफ्तारी के समय भी वह ट्रेन में 8 घुसपैठियों को भारत लेकर आया था। अब दिल्ली पुलिस इस गैंग द्वारा बसाए गए लगभग 100 और बांग्लादेशियों की तलाश में जुट गई है, जिनकी पहचान कर ली गई है और जल्द ही उन्हें भी हिरासत में लिया जाएगा।