जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए कायराना आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जहां एक ओर भारत की सेना मोर्चे पर सतर्क है, वहीं कूटनीतिक मोर्चे पर भी करारा प्रहार जारी है। अब भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब करने का अभियान तेज कर दिया है।
सबसे बड़ा कदम भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के सामने उठाया है। भारत ने IMF से साफ तौर पर कहा है कि पाकिस्तान को दिए गए अरबों डॉलर के कर्ज की तत्काल समीक्षा की जाए। साथ ही भारत ने यह भी मांग की है कि पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में डाला जाए ताकि वह आतंकवाद को पालने की कीमत चुका सके।
आतंक को ऑक्सीजन दे रहा है पाकिस्तान
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को पिछले वर्ष IMF से 7 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज मिला था और हाल ही में उसे जलवायु परिवर्तन के नाम पर 1.3 अरब डॉलर और थमा दिए गए। भारत ने सवाल उठाया है कि जिस देश की सरजमीं से हिंदू तीर्थयात्रियों पर गोलियां चलती हैं, उसे कैसे अरबों डॉलर की मदद दी जा सकती है?
भारतीय अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर IMF पाकिस्तान को यूं ही धन बांटता रहा तो वह सीधे-सीधे आतंकवाद को प्रायोजित करने का माध्यम बन जाएगा। पाकिस्तान की 350 अरब डॉलर की डगमगाती अर्थव्यवस्था इस कर्ज पर टिकी है और भारत इसे रोकने के लिए हर अंतरराष्ट्रीय मंच का उपयोग करने की तैयारी में है।
क्या सैन्य टकराव की ओर बढ़ रहे हैं हालात?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। भारत ने सिंधु जल संधि को ठंडे बस्ते में डाल दिया है और दोनों देशों ने एक-दूसरे के एयरस्पेस तक बंद कर दिए हैं। खुफिया एजेंसियों का दावा है कि पाकिस्तान की धरती से आए आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया और अब भारत बदला लेने की रणनीति पर काम कर रहा है।
पाक का सफेद झूठ और भारत की निर्णायक घेराबंदी
हमले में शामिल तीन आतंकियों में से दो की पहचान पाकिस्तानी नागरिकों के रूप में हो चुकी है। बावजूद इसके, पाकिस्तान हर बार की तरह झूठ का सहारा लेकर खुद को पाक-साफ दिखाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन इस बार भारत पूरी तरह से सख्त है- ना सिर्फ सैन्य स्तर पर, बल्कि आर्थिक और कूटनीतिक स्तर पर भी।