शिमला के उपनगर संजौली स्थित पूरी मस्जिद पर अब प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है। शनिवार (3 मई 2025) को नगर निगम आयुक्त की अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए ग्राउंड फ्लोर और पहली मंज़िल को भी तोड़ने का आदेश जारी किया है। ऐसे में संजौली में रहने वाले लोगों ने एमसी कोर्ट को गिराने के आदेश को ऐतिहासिक फैसला बताया है। स्थानीय निवासी विजय ने बताया कि संजौली में अवैध मस्जिद निर्माण हो गई थी और लोगों ने जब इसका विरोध किया तो पुलिस ने भी जनता पर लाठियां बरसाई थी, लेकिन अब पुलिस को भी यह लग रहा होगा कि लोग सच्चे थे और मस्जिद ही अवैध थी। उनका कहना था कि यह जीत आम लोगों के मेहनत उनकी सच्चाई के प्रति लड़ाई की जीत हुई है।
वहीं स्थानीय निवासी कल्पना ने बताया कि आज निगम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है इस पर उन्हें खुशी है कि अवैध मस्जिद को गिराने के आदेश कोर्ट ने सुनाया है। बताया जा रहा है कि संजौली में चार मंजिला मस्जिद विवाद काफी लंबे समय से चल रहा था। इस मस्जिद को लेकर बीते साल सितंबर में विवाद हो गया था। इस मस्जिद को लेकर अवैध निर्माण का विवाद वर्ष 2010 से चल रहा था और करीब 45 से अधिक सुनवाइयां भी निगम कोर्ट में हो चुकी थी।
इस मामले में निगम कोर्ट ने मस्जिद की ऊपरी दो मंजिलों को पहले अवैध माना था और गिराने के आदेश दिए थे। मस्जिद कमेटी धीरे धीरे और पैसे की कमी के चलते ऊपरी दो मंजिलों को गिरा रही थी। इस बीच अब शनिवार को कोर्ट ने निचली दो और मंजिलों को अवैध घोषित कर दिया। यह मस्जिद विवाद विधानसभा से लेकर सड़कों तक गुंजा था इस मुद्दे को लेकर पूरे प्रदेश भर में प्रदर्शन किए गए थे।
बता दें कि निगम आयुक्त ने बीते साल 5 अक्टूबर को 2 महीने के भीतर संजौली मस्जिद पर अवैध रूप से बनाई गई 3 मंजिलों को तोड़ने के आदेश दिए थे। इसके बाद तोड़ने का काम शुरू हो गया है। निचली दो मंजिल को लेकर अभी निगम आयुक्त कोर्ट का फैसला आना बाकी है। आज इसे लेकर अदालत में फैसला हो सकता है।
शिमला के बाद सोलन, मंडी, कुल्लू और सिरमौर जिला में भी जगह-जगह मस्जिद मामले में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किए और अवैध रूप से बनी मस्जिदों को गिराने की मांग उठाई। 12 सितंबर को संजौली मस्जिद कमेटी ने खुद नगर निगम कमिश्नर से मिलकर अवैध रूप से बनी ऊपर की मंजिल को हटाने की पेशकश की। इसके बाद हिंदू संगठन शांत हुए। कमिश्नर के 3 मंजिल तोड़ने के आदेश के बाद यह मामला शांत हो पाया था।