उत्तराखंड के मंगलौर से एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। जहां एक महिला को ससुराल वालों ने दहेज की बलि चढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। निकाह के नाम पर लाखों का लेन-देन करने के बाद भी उसकी जिंदगी को दोज़ख में तब्दील कर दिया गया।
पीड़िता ने बताया कि 2 नवंबर 2021 को उसकी शादी कोतवाली लक्सर क्षेत्र के एक गांव निवासी जावेद के साथ हुई थी। में शादी के वक़्त लड़की वालों ने लाखों का सामान, कैश और उपहार दिए- कुल मिलाकर ढाई लाख से भी ज्यादा की भेंट दी गई।
मगर ससुराल पक्ष को चैन नहीं आया। कार और दो लाख रुपये और चाहिए थे। जब लड़की ने इस असीमित लालच का विरोध किया, तो उस पर कहर टूट पड़ा। आए दिन उसे पीटा जाने लगा, गालियाँ दी गईं, मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
मगर हद तो तब हो गई, जब जनवरी 2024 को विवाहिता को उसका देवर मायके से लौटाते समय भगवानपुर के चंदनपुर के जंगलों में ले गया और वहां उसकी अस्मिता को रौंद डाला। इस अमानवीय करतूत के बाद उसे धमकी दी गई- अगर किसी को कुछ बताया तो जान से मार देंगे।
बाईपास पर पीटा, फिर दिया तीन तलाक
जब दहेज की मांग पूरी नहीं हुई, तो 19 जून 2024 को पति समेत ससुराल के दरिंदों ने उसे सरेराह बाईपास पर बेरहमी से पीटा और वहीं पर तीन तलाक का तमाचा जड़ दिया। इस पूरे मामले में पीड़िता ने पति जावेद, सास मोमिना उर्फ कसोलों, ससुर केसर, देवर जुनैद, ननद नौरीन और जेठानी मेहनाज के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी है।
मंगलौर कोतवाली पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पीड़िता की एक ही मांग है- इन भेड़ियों को ऐसी सजा मिले, जो नजीर बन जाए।