उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रशासनिक मशीनरी ने अवैध और गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के खिलाफ एक सख्त मोर्चा खोल दिया है। खास तौर पर श्रावस्ती और महाराजगंज जिलों में प्रशासनिक अमले की सक्रियता से ऐसे कई मदरसों पर ताले लग चुके हैं।
श्रावस्ती जिले के इकौना और जमुनहा क्षेत्रों में प्रशासन ने हाल ही में 13 मदरसों को सील किया है। इनमें से अधिकतर संस्थान सरकारी भूमि पर अनधिकृत रूप से संचालित हो रहे थे। यह कार्रवाई एसडीएम, नायब तहसीलदार और खंड शिक्षा अधिकारी की संयुक्त टीम द्वारा अंजाम दी गई।
इकौना के जिस प्रमुख मदरसे को बंद किया गया, उसका नाम था जामिया नूरिया फातिमा लिल्बनात, जो 2019 से संचालित था और जिसमें करीब 300 छात्राएं रहकर शिक्षा प्राप्त कर रही थीं। नोटिस मिलने के बाद मदरसा प्रबंधन ने छात्राओं को उनके घर भेज दिया। मदरसा संचालक सैय्यद सिराजुद्दीन हाशमी (गुजरात निवासी) ने लिखित रूप में 10 मई तक ताला लगाने की सहमति दी थी।
महाराजगंज जिले के नौतनवा तहसील, जो नेपाल सीमा से लगा हुआ है, वहां 6 गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों की गहन जांच की गई। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नीरज अग्रवाल के अनुसार इन सभी मदरसों को नोटिस भेजे गए हैं और उनसे तीन दिन के भीतर संचालन की विधिक वैधता का जवाब मांगा गया है।
जिन मदरसों को मिला नोटिस:
मदरसा गौसिया रिजाविया अहले सुन्नत जियाउल उलूम, पड़ौली
मदरसा इस्लाहुल मुस्लिमीन, झींगटी
मदरसा अरबिया नुरुल उलूम, आराजी महुआ
अरबिया मोहम्मद मिसबाहुल उलूम, परसा
मक्तब तालीमी कुरान, बगहा
मदरसा यार अलविया अहले सुन्नत फैजुल उलूम