उत्तर प्रदेश के संभल में कट्टरपंथ के खिलाफ दो टूक बोलने वाले CO अनुज चौधरी (Anuj Chaudhary) का तबादला कर दिया गया है। वो अफसर जो सांप्रदायिक हिंसा के बीच डटकर खड़ा रहा, जिसने "होली साल में एक बार आती है, जुमा 52 बार" जैसे सच कहने की हिम्मत दिखाई। अनुज चौधरी को संभल से हटाकर चंदौसी सर्किल में भेजा गया है। उनकी जगह अब ट्रेनी IPS आलोक भाटी को संभल की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
संभल के सांप्रदायिक झड़पों के बीच अनुज चौधरी ने एक सच्ची बात कही थी- "होली साल में एक बार आती है, जुमा 52 बार, तो भाईचारा क्यों नहीं?" बस, इसी पर सेक्युलर ब्रिगेड भड़क गई। कट्टरपंथियों के गढ़ में यह बयान आग की तरह फैला और सेक्युलर राजनीति ने इसे मुद्दा बना लिया। चौधरी पर जांच बैठा दी गई। अब माना जा रहा है कि यही बयान उनके तबादले की असली वजह बना।
पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल
SP कृष्ण कुमार बिश्नोई ने शनिवार (3 मई 2025) को कई अधिकारियों का तबादला कर दिया। अनुज चौधरी को चंदौसी भेजा गया है, जबकि उनके स्थान पर आईपीएस ट्रेनी आलोक भाटी को संभल का नया सीओ बना दिया गया है। बहजोई के सीओ प्रदीप सिंह अब यातायात संभालेंगे। वहीं चंदौसी के आलोक सिद्धू को बहजोई भेजा गया है। साफ है कि संवेदनशील इलाके में अब अनुभवी नहीं, बल्कि प्रशिक्षु अधिकारी भेजे जा रहे हैं।
अनुज चौधरी: गांव के अखाड़े से पुलिस तक
मुजफ्फरनगर के बहेड़ी गांव से निकले अनुज चौधरी कोई आम अफसर नहीं हैं। अखाड़े से शुरुआत की, नेशनल गेम्स तक पहुंचे। 1997 से कई बार नेशनल चैंपियन रहे। 2001 में लक्ष्मण अवॉर्ड, 2005 में अर्जुन अवॉर्ड मिला। 2012 में खेल कोटे से यूपी पुलिस में डीएसपी बने। तब से लेकर आज तक उन्होंने ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा का परचम लहराया।
जब सच बोलना पड़ा भारी
14 मार्च की होली और जुमे की नमाज़ एक साथ थी। अनुज चौधरी ने आग्रह किया कि होली के दिन भाईचारा बना रहे- मुस्लिम समुदाय अगर चाहे तो घर पर नमाज अदा करें या बाहर रंग-गुलाल से परहेज न करें। लेकिन ये बात कुछ लोगों को नागवार गुज़री। वहीं तथाकथित सेक्युलर गैंग ने इसे ‘संवेदनशीलता पर हमला’ कहकर सियासी मुद्दा बना डाला।