गोवा के प्रसिद्ध श्री लैराई देवी 'जात्रा' महोत्सव के दौरान शुक्रवार (2 अप्रैल 2025) की रात एक दर्दनाक हादसा हुआ। जिसमें भगदड़ के चलते छह लोगों की जान चली गई और करीब 80 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हो गए। घटना स्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु धार्मिक अनुष्ठान के लिए इकट्ठा हुए थे।
घायलों को तुरंत गोवा मेडिकल कॉलेज (GMC) और मापुसा स्थित नॉर्थ गोवा जिला अस्पताल ले जाया गया। बताया जा रहा है कि एक व्यक्ति की हालत गंभीर बनी हुई है, जबकि बाकी की स्थिति स्थिर है।
मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने हादसे की खबर मिलते ही दोनों प्रमुख अस्पतालों का दौरा किया। उन्होंने घायलों से मुलाकात की और डॉक्टरों को हर संभव चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पूरी जांच कराई जाएगी।
क्या है लैराई देवी की ‘जात्रा’?
लैराई देवी को गोवा के हिन्दू समाज में एक पूजनीय शक्ति मानी जाती है। बिचोलिम तालुका के शिरगांव गांव में हर वर्ष चैत्र मास में आयोजित होने वाली इस जात्रा में हज़ारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस धार्मिक आयोजन में मुख्य आकर्षण होता है—अग्नि पर चलने का साहसिक अनुष्ठान।
‘धोंड’ निभाते हैं अग्नि-व्रत की परंपरा
श्रद्धालु, जिन्हें 'धोंड' कहा जाता है, जलती हुई अंगारों पर नंगे पांव चलते हैं। यह अनुष्ठान उनकी तपस्या, श्रद्धा और आत्मशुद्धि का प्रतीक माना जाता है। इससे पूर्व वे लंबा उपवास और आध्यात्मिक साधना करते हैं।
यह जात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित नहीं रहती, बल्कि गोवा की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने वाला एक महापर्व है। शोभायात्रा, भजन, मंत्रोच्चार और प्रसाद वितरण जैसी परंपराएं श्रद्धालुओं को एक आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती हैं।