पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने अब 'सहानुभूति' की भाषा छोड़कर 'निर्दयी निर्णायकता' का रास्ता चुन लिया है। मोदी सरकार ने पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देते हुए उसके खिलाफ एक ऐसा फैसला लिया है जो उसकी कमर तोड़ देगा! अब पाकिस्तान से एक मटर का दाना भी भारत की सरहद में दाखिल नहीं होगा!
शनिवार (3 अप्रैल 2025) को भारत सरकार ने पाकिस्तान से सभी प्रकार के आयात- चाहे वो सीधे हों या परोक्ष, पर तुरंत प्रभाव से पूरी तरह पाबंदी लगा दी है। सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि अब पाकिस्तान को कोई "विशेष छूट" या "आर्थिक रियायत" नहीं दी जाएगी, चाहे वह वस्तु खुले व्यापार के तहत आती हो या विशेष अनुमति से।
मोदी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जो देश भारत के जवानों की जान लेता है, उसके साथ कोई व्यापारिक संबंध नहीं रखे जाएंगे। पाकिस्तान की बदहाल अर्थव्यवस्था के लिए यह फैसला एक और ताबूत की कील है। पाकिस्तानी उद्योग जो भारतीय बाजार पर निर्भर थे- जैसे सीमेंट, सूखे मेवे और ई-कॉमर्स के रास्ते आने वाली वस्तुएं- अब पूरी तरह ठप हो जाएंगे। यह फैसला न केवल पाकिस्तान के लिए एक आर्थिक झटका है, बल्कि भारत की ओर से उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर पूरी तरह अलग-थलग करने की रणनीति का हिस्सा है।
FATF की मार, भारत की धार- पाकिस्तान की साख चौपट!
पाकिस्तान पहले से ही FATF की निगरानी में था और अब भारत की इस नई नीति ने उसकी रही-सही साख को भी तार-तार कर दिया है। पुलवामा हमले के बाद 2019 में भारत ने "मोस्ट फेवर्ड नेशन" का दर्जा वापस लिया था। अब 2025 में भारत ने दो टूक संदेश दिया है- ‘आतंकी परवरिश करने वाले देश के लिए कोई माफी नहीं, सिर्फ बहिष्कार!’ भारत इससे पहले सिंधु जल समझौते को भी रद्द कर चुका है, पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगा चुका है और अब वीजा पर भी रोक लगा दी गई है।
एक झटका- हज़ारों कंपनियों का पतन!
जो पाकिस्तानी उद्योग भारत पर निर्भर थे, उनके तंबू अब उखड़ चुके हैं। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था जो पहले ही वेंटिलेटर पर थी, अब भारत के इस प्रहार से मृतप्राय हो जाएगी। भारत ने स्पष्ट कर दिया है- "आतंक का जवाब अब व्यापार नहीं, वार होगा!"