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दिल्ली की सड़क पर अचानक उग आई एक नई मस्जिद; मोहम्मद संवास की मेहरबानी से लग गए AC और कूलर भी...लैंड जिहाद का राष्ट्रीय राजधानी पर एक और वार

दिल्ली में लैंड जिहाद का जाल तेजी से फैलता जा रहा है

Sumant Kashyap
  • May 3 2025 1:02PM

राजधानी दिल्ली में लैंड जिहाद का जाल तेजी से फैलता जा रहा है. सड़क हो या फिर सरकारी जमीन हर तरफ़ कब्ज़ा किया जा रहा है, और यह कब्जा कोई और नहीं, बल्कि जिहादी मानसिकता वाले लोग कर रहे हैं. सुदर्शन न्यूज़ पहले भी ऐसे सैकड़ों मामलों का पर्दाफाश कर चुका है, जहां मजार और मस्जिदें रातों-रात खड़ी कर दी गईं. 

अब एक नया मामला दिल्ली के रंजीत नगर से सामने आया है, जहां बीच सड़क पर मोहम्मद संवास नामक व्यक्ति ने मस्जिद बना दी है. हैरानी की बात यह है कि यह सब खुलेआम हो रहा है और दिल्ली सरकार और DDA की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है. क्या यह लैंड जिहाद नहीं है? क्या प्रशासन की चुप्पी मिलीभगत का संकेत नहीं देती? सवाल यह है कि कब तक इस तरह राजधानी की ज़मीन पर अवैध कब्जे होते रहेंगे और लोगों तमाशा देखती रहेंगी?

जानकारी के अनुसार, इस क्षेत्र में मात्र दो या तीन मुस्लिम परिवार ही रहते हैं, लेकिन इसके बावजूद दबंग मोहम्मद संवास ने बीच सड़क पर अवैध रूप से कब्जा कर मस्जिद खड़ी कर दी है. बताया जा रहा है कि इस मस्जिद में हर शुक्रवार को बाकायदा नमाज़ अदा की जाती है. जब सुदर्शन न्यूज़ की टीम मौके पर पहुंची, तो देखा गया कि मस्जिद में AC, कूलर, फ्रिज, टीवी और तमाम आरामदायक सुविधाएं मौजूद हैं. सवाल उठता है कि सड़क पर बनी इस मस्जिद में इतने संसाधन कहां से और कैसे आए?

इस अवैध कब्जे को लेकर कई हिंदूवादी संगठनों ने पहले ही संबंधित विभागों को लिखित शिकायतें दी हैं. यहां तक कि गृह मंत्रालय को भी इस संबंध में पत्र भेजा जा चुका है. लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. इस क्षेत्र में रहने वाले हिंदू परिवारों को ट्रैफिक जाम, अव्यवस्था और अन्य समस्याओं का लगातार सामना करना पड़ रहा है.

वहीं दूसरी ओर, कुछ समय पहले दिल्ली के पंजाबी बाग स्थित पश्चिम विहार इलाके में जमीन की खुदाई के दौरान मां काली की एक प्रतिमा प्राप्त हुई थी. स्थानीय हिंदू और हिंदूवादी संगठनों ने श्रद्धापूर्वक उस स्थान पर पूजा-अर्चना शुरू कर दी थी. लेकिन महज एक शिकायत पर दिल्ली पुलिस और DDA तुरंत हरकत में आ गए और वह स्थान खाली करा दिया गया.

अब सवाल यह है कि जब हिंदू आस्था के केंद्र को हटाने में इतनी तत्परता दिखाई जाती है, तो रंजीत नगर की अवैध मस्जिद पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? क्या यह प्रशासनिक पक्षपात नहीं है? क्या यह कानून का दोहरा मापदंड नहीं दर्शाता? दिल्ली पुलिस और DDA की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है. क्या वे किसी दबाव में हैं? या फिर लैंड जिहाद को खुली छूट दी जा रही है?


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