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2 मुस्लिम विधायक खुल कर और तमाम चरमपंथी व वामपंथी पीछे से थे मेवात पर विरोध में.. लेकिन शत प्रतिशत सत्य साबित हुए सुरेश चव्हाणके जी

मेवात के हिन्दुओं पर अत्याचार को खुल कर रखा था दुनिया के आगे.

Rahul Pandey
  • Jun 18 2020 3:29PM

ये लड़ाई न्याय और अन्याय के बीच की थी. यहाँ पर विवाद आतंक और शांति के बीच था . मुद्दा नीति और अनीति के मध्य था . संघर्ष धर्म और अधर्म का था. श्रीराम चरित मानस की एक चौपाई "रावण रथी विरथ रघुवीरा' यहाँ पर पूरी तरह से सही साबित हो रही थी क्योकि उस तरफ से २ मुस्लिम विधायक खुल कर सामने आ गये थे और उन्होंने न सिर्फ इस कवरेज को बंद करने बल्कि उलटे सुरेश चव्हाणके जी पर ही कार्यवाही की मांग मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से कर डाली थी. हर प्रकार का भय या दूसरे शब्दों में कहें तो साम दाम दंड भेद अपनाया गया कि किसी भी प्रकार से हिन्दुओ के हित की इस आवाज को बंद करवाया जाय.

लेकिन उनको सफलता नहीं मिली और अंत में जीत न्याय और नीति की ही हुई थी. सीमाओं पर भले ही भारत  की जांबाज़ फौजों ने पाकिस्तान को एक इंच अन्दर नहीं आने दिया लेकिन देश की सीमाओं के अन्दर तथाकथित सेकुलरिज्म ने कई मिनी पाकिस्तान तैयार कर दिए हैं.. ये बातें सुरेश चव्हाणके जी ने अपने बिंदास बोल व् जनसंख्या नियंत्रण कानून के माध्यम से कई बार उठाई है. उन्ही तमाम मिनी पाकिस्तान में अगर सबसे प्रमुख किसी को रखा जाय तो वो है मेवात जहाँ मात्र 25 वर्षों में लगभग 50 गाँव धीरे धीरे साजिश के तहत हिन्दू विहीन हो गये थे. ऐसे में सुरेश चव्हाणके जी ने उस आवाज को उठाने का फैसला किया था जो जुडी थी एक पूरे क्षेत्र में हिन्दुओं के अस्तित्व से.

लगातार ११ बिंदास बोल सुरेश चव्हाणके जी ने #BIndasBolOnMewat के नाम से किये और अंत में इसी महाभियान की ये सफलता थी कि मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल खट्टर जी ने खुद मेवात का दौरा किया और उन तमाम मांगो को क्रमबद्ध मान लिया जो सुरेश चव्हाणके जी नें बिंदास बोल में महज २ दिन पहले उठाई थी. ये मांगे थी हिन्दुओ के अस्तित्व को बचाने की और पलायन कर चुके हिन्दुओं को वापस बसाने की . इन्ही मांगो में गौ हत्या निषेध , धर्मांतरण पर कठोरता , उस क्षेत्र में सैनिक छावनी बनाने और पिछले कुछ वर्षो से जमीन बेच कर गये हिन्दुओ की रजिस्ट्री की समीक्षा आदि करना था. इसमें अधिकाँश मांगे मान ली गई हैं और उन पर क्रियान्वयन भी शुरू कर दिया गया है. मेवात का हिन्दू समाज सुरेश चव्हाणके जी के इस अथक अभियान की मुक्त कंठ से सराहना कर रहा है और सुरेश चव्हाणके जी आगे किसी इसी प्रकार के अन्य मिनी पाकिस्तान में हिन्दुओं के अस्तित्व की रक्षा करने की तैयारी कर रहे. 

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