टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर तिरंगे की शान बढ़ाने वाली स्टार भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी जगतमाता मां दुर्गा के मंदिर पहुँची तथा मां के दर्शन किए. पीवी सिंधु ने आन्ध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के दुर्गा मंदिर जाकर पूजा अर्चना की तथा माता का आशीर्वाद लिया. आपको बता दें कि टोक्यो जाने से पहले भी सिंधु इस मंदिर में आई थी तथा माता रानी से विजयश्री का आशीर्वाद लिया था. आज जब सिंधु ने लगातार दूसरे ओलंपिक में मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है तो वह एक बार पनाह अपनी आराध्य मां दुर्गा की शरण में पहुँची हैं.
इस दौरान पीवी सिंधु ने कहा कि मैंने ओलंपिक से पहले भी यहां आकर मां का आशीर्वाद लिया था और ओलंपिक में खेलने के बाद एक फिर यहां मां का आशीर्वाद लेने आई हूं. आशा करती हूं कि मां का आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ रहे. आपको बता दें कि पीवी सिंधु टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर बुधवार को अपने गृह नगर लौटी थीं, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया था. उन्होंने पांच साल पहले रियो ओलंपिक में भी रजत पदक हासिल किया था तथा भारत की शान बढ़ाई थी.
ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी पीवी सिंधू ने अभी अपनी सफलता का पूरी तरह से जश्न भी नहीं मनाया है लेकिन फिर भी अपना अगला लक्ष्य तय कर लिया है, जो इस साल स्पेन में विश्व चैंपियनशिप खिताब का बचाव करना है. सिंधू ने कहा कि निश्चित तौर पर अब तक इन भावनाओं से पूरी तरह से नहीं बाहर निकल पाई हूं लेकिन मैं इस लम्हें का लुत्फ उठा रही हूं. यह किसी के लिए भी सपना साकार होने की तरह है. ये ऐसे लम्हें हैं जिन्हें आप हमेशा याद रखते हो.
सिंधु ने कहा कि ओलंपिक में लगातार दो पदक जीतना मेरे लिए बड़ी बात है. मुझे यकीन है कि यह अन्य लोगों को प्रेरित करेगा और खेल को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा. उन्होंने कहा कि कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं होने वाली हैं. जल्द ही मैच अभ्यास शुरू करूंगी और अच्छा प्रदर्शन करना चाहती हूं और अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती हूं. स्पेन में विश्व चैंपियनशिप भी है और मुझे अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है.” उन्होंने कहा, ”मैं निश्चित तौर पर 2024 पेरिस ओलंपिक में खेलूंगी, लेकिन इसमें काफी समय है. मैं अब इस लम्हें को सहेजकर रखने का प्रयास कर रही हूं.