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तिरंगा लहराकर मनाया गया सुदर्शन न्यूज में 74वां गंणतंत्र दिवस... सुरेश चव्हाणके जी के साथ सभी लोगों ने ली हिंदू राष्ट्र की शपथ

गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर सुदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके जी ने प्रांगन में प्रातः गणतंत्र दिवस को मनाते हुए भारत माता को माल्यापर्ण किया है. जिसके बाद उन्होंने वीर महाराणा प्रताप को भी माल्यापर्ण किया.

Gunjan Kapoor
  • Jan 26 2023 3:09PM

जब आंख खुले तो धरती हिंदुस्थान की हो... जब आंख खुले तो धरती हिंदुस्थान की हो... जब आंख बंद हो तो यादे हिंदुस्थान की हो... हम मर भी जाय तो कोई गम नहीं.... लेकिन मरते दम तक यह धरती हिंदुस्थान की हो....

गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर सुदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके जी ने प्रांगन में प्रातः गणतंत्र दिवस को मनाते हुए भारत माता को माल्यापर्ण किया है. जिसके बाद उन्होंने वीर महाराणा प्रताप को भी माल्यापर्ण किया. इसी के साथ उन्होंने चंद्र शेखर आज़ाद, भगत सिंह और नेता सुभाष चंद्र बोस को भी माल्यापर्ण किया. उन्होंने सभी के साथ तिरंगा लहराकर भारत का राष्ट्र गान गाया.

सभा संबोधित करते हुए सुरेश चव्हाणके जी ने कहा कि आज गंणतंत्र दिवस के अवसर पर सुदर्शन के प्रांगण में उपस्थित सभी भारत माता के शेर और शेरनी इस कार्यक्रम को लाइव में या डिजिटल माध्यम से बाद में देखने वाले सभी भारतवासी आज सवतंत्रता के जिसे हम तथा कथित कहते है उसके अमृत काल में ये 74 वां गणत्रंत दिवस पब सविधान लागु हुआ ऐसा हम कहते है उस दिन को हम मना रहे है..

उन्होंने आगे कहा कि इस देश के लिए बलिदान देने वाले सभी वीरों क्रांतिकारियों सभी महापुरुषों और देश के सैनिकों के लिए केवल बलिदान मृत्यु से नहीं अपने जीवन में परिवार से दुर रहकर करने वाले को ही कहते है उन सभी को आज मई नमन करता हुँ.

लेकिन आज इस गणतंत्र दिवस पर बड़ा प्रश्न ये है की केवल 74 वर्ष में या सवतंत्रता के 75 वर्षों में हिंदुस्तान के सामने ये प्रश्न है कि मज़हब के नाम पर पाकिस्तान देने के बावजूद जो बचा हुआ हिंदुस्तान है जो हिन्दू राष्ट्र है, वो हिन्दू राष्ट्र रहेगा क्या? हिन्दुओं की घटती संख्या और बड़े ही योजना के साथ बड़ाई जा रही है. वहीं मुस्लमान संख्या, ईसाई द्वारा हिन्दुओं का हो रहा धर्मांतरण यह सब कुछ चिंता का विषय है.

ये देश तकनिकी तौर पर टेक्निकली भले ही 75 वर्ष पहले अंग्रेज़ो से सवतंत्र हुआ हो लेकिन मैंने सवतंत्र दिवस पर भी कहा था कि ये देश की आयु 75 वर्ष की नहीं है. ये तो लाखों वर्ष पुराण देश है इसकी एक लड़ाई भले ही 75 वर्ष पूर्व अंग्रेज़ो से लड़ी गयी हो उसके पहले देश के बड़े हिस्से पर इस्लामी शासन को दूर करकर जो लड़ाई लड़ी थी और जो विजय प्राप्त हुआ था वो भी हमारे लिए सवतंत्र की लड़ाई ही थी.

वहीं अगर उसके पीछे जाएंगे तो वो भी सवतंत्रता की लड़ाई थी लेकिन हम केवल ब्रिटिशरो के विरुद्ध जीती लड़ाई को मानते है हम इस्लाम से जीती लड़ाई को नहीं मानते है उसका भी आज में स्मरण करते हुए उस चिंता को परकत करता हु की हिंदुस्तान हिन्दुतान रहेगा क्या?

आज जानसंख्या के आकड़े ये बता रहे है की हिंदुस्तान इस अधूरी सवतंत्रता का जब 100 वा वर्ष मनाएगा तब हिन्दू अलप संख्यक हो चूका होगा. क्या किसी देश की आयु 100 वर्ष रहेगी? क्या मुसलमनों के 57 देश है और 100 करोड़ हिन्दुओ का एक देश नहीं होना चाहिए खास कर के तब जब उसी के बटवारे कर कर इतने सरे इस्लामिक देश बने हुए है.

इसलिए आज हम इस गणतंत्र दिवस पर सभी देश वासिओ को अपने अपने स्थान पर इसकी चिंता करने को कहे चुके है और वही चिंता आज सुदर्शन न्यूज़ के इस मीडिया मंदिर के प्रांगण से पुनः व्यक्त करे.

सुरेश चव्हाणके जी ने आगे कहा कि मैं जनता हुँ की हमारी गुलाम मानसिकता ने हमको एक ऐसी चौखट के अंदर बंधा हुआ है के आज इस तिरंगे के सामने भी खड़े होकर मैं जो बात कहे रहा हुँ इसको कई लोग विद्रोही बात कहेंगे, एंटी कंस्टीटूशन कहेंगे, इसे संविधान के विरुद्ध कहेंगे. मैं उनको यह कहना चाहता हूँ की इस तिरंगे में जो तीन रंग है भले ही ये किसी मज़हब और धर्म के प्रतिक न हो. लेकिन ये तीन रंग तभी तक है जब तक हिन्दू बहुसंख्यक है.

अन्यथा झंडे बदलना उसके प्रतीकों को बदलना उसके नमो को बदलना ये आपको अगर जानना है तो कुछ नहीं बस पिछले 50 वर्षो के इतिहास को भी देखेंगे तो भी आपको कई देशो की सूचि मिलेगी आने वाले 20 वर्षो में और 25 एक देश ऐसे होने वाले है जो आज सेक्युलर के नाम पर उन उन देशो के प्रतिक है लेकिन वो सबा कुछ मिट जाएगा और वो भी इस्लामी रूल में आ जाएंगें.

खेर उनका क्या होगा ये उनका विषय है उनको अपनी लड़ाई लड़नी है शरण जाना है क्या स्वीकार करना है ये उनकी सवतंत्रता है. लेकिन हमारा जीवन हिन्दू दर्शन में एक नहीं होता हम पीछे भी मुद कर देखते है और हम जिनके वंशज है उनके संकल्पो को पूरा करना भी एक वंशज के रूप में हमारा कर्त्तव्य होता है.

इसलिए हम हिन्दू दर्शन के दृष्टिकोण से देखे तो विश्व में हिन्दुओ की भूमि हिन्दुओ की संस्कृति और हिन्दुओ का अस्तित्व मिटने नहीं देंगे ये चिंता इस तिरंगे के निचे प्रकट करना ही लोकतंत्र है ऐसा मैं मनता हूँ और इसलिए इस लोकतंत्र के निमित क्युकी हिन्दू जब तक बहु संख्यक है तभी तक ये लोकतंत्र रहे वला है और इसलिए आज हमने जो अपील की है पुरे देश में आज भाषण लम्बा नहीं काम बात और ज़यादा काम ये करने के लिए देश भर में जिन लोगो ने शपथ ली है आज संकप्लप ले रहे है इसकी चिंता व्यक्त कर रहे है.

मैं भले ही आज 26 जनवरी 2023 में ये चिंता व्यक्त कर रहा हुँ और मेरे इस वीडियो को शेयर करके कमेंट करके कई लोग कहेंगे की कैसी बात कर रहा है. मैं आपको वचन देता हुँ आने वाले समय में देश का प्रधानमंत्री लाल किले पर ये चिंता व्यक्त करेंगे. इतना मुझे विश्वास हैं, क्यूंकि सुदर्शन से जो मुद्दा उठता है वो देश की विधान सभाओं से, देश के सांसदों से और देश के लाल किले से उठता है.

कभी हमने जनसँख्या नियंत्रण पर बात की थी उस बात को कई लोगो ने कहा था की ऐसी बात लोकतंत्र में कैसे हो सकती है बाद में प्रधान मंत्री ने इस समस्या को लाल किले पवार व्यक्त किया. जब तक शासन जनता के मन में क्या चल रहा का प्रतिनादित्व लाल किले से करता रहेगा तब तक ही ये शासन है उसके बाद तो ये दुशासन है और इसलिए ये प्रतिनादित्व जल्द ही दिखे ये आशा हम व्यक्त करते है और आज के कार्यक्रम में हमने जनता को अपील की थी की गणतंत्र दिवस पर हिन्दू राष्ट्र की शपथ ले और वो शपथ मई यहाँ पर लूंगा.

वही सभी उपास्थित लोगो ने सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके के पीछे शपथ दोहराई. शपथ में कहा गया कि हम सब शपथ लेते है वचन देते है संकल्प करते है हिंदुस्तान को हिंदुस्तान बनाए रखने के लिए आगे बढ़ाने के लिए हम सरस्व का तयाग करेंगे आवश्यकता पड़ने पर बलिदान देंगे और आवश्यकता पड़ने पर बलिदान लेंगे लेकिन हिंदुस्तान को हिन्दू राष्ट्र बना कर रखेंगे इसका चरित्र बदलने नहीं देंगे राष्ट्र ध्वज को खंडित होने नहीं देंगे धर्म ध्वज को खंडित होने नहीं देंगे. इस लड़ाई में हमारे पूर्वज हमारे कुलदेवता हमारे ग्रामदेवता हमको शक्ति दे! जय दे! विजय दे! विजय दे! विजय दे!

इसके बाद सुदर्शन न्यूज का प्रांगन भारत माता की जयकारों से गूंज उठा.

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