7 मई की तारीख इतिहास में दर्ज हो चुकी है। भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का ऐसा बदला लिया है, जिसे पाकिस्तान कभी भूल नहीं पाएगा। महज 25 मिनट में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के भीतर 100 किलोमीटर अंदर घुसकर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इस कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के पूरा परिवार मारा गया हैं।
इस जवाबी कार्रवाई को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया गया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रणनीतिक बैठक के बाद शुरू किया गया था। इस ऑपरेशन का नाम खुद पीएम मोदी ने तय किया, जो केवल सैन्य अभियान नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और भावनात्मक शक्ति का प्रतीक बन चुका है।
पहलगाम हमला और सिंदूर की कीमत
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। इनमें महिलाएं और एक नेपाली नागरिक भी शामिल थे। इस जघन्य कृत्य ने पूरे देश को झकझोर दिया। आतंकी हमले में जिन महिलाओं के सिंदूर उजाड़े गए, उसी सिंदूर के सम्मान में ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया। यह सिर्फ बदला नहीं था, बल्कि एक संदेश था —अब भारत चुप नहीं बैठेगा।
100 किलोमीटर अंदर जाकर मारा
यह पहली बार है जब भारत ने पाकिस्तान की सीमा के अंदर इतनी गहराई तक घुसकर कार्रवाई की है। इससे पहले 2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक में भारतीय वायुसेना ने 60 किलोमीटर अंदर घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को तबाह किया था। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने 100 किलोमीटर तक घुसकर एक के बाद एक आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
पाकिस्तान में हड़कंप
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में स्कूल, कॉलेज और सरकारी संस्थान बंद कर दिए गए। एयरस्पेस को भी कुछ घंटों के लिए सील करना पड़ा। पूरी दुनिया ने इस कार्रवाई को देखा और भारत के इस निर्णायक कदम की सराहना की। सिंदूर अब सिर्फ एक शृंगार नहीं, भारत की सैन्य शक्ति का प्रतीक बन गया है।
इस ऑपरेशन ने यह साबित कर दिया है कि भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं करता, बल्कि ठोस कार्रवाई करता है। जब-जब दुश्मन भारत की अस्मिता को चुनौती देगा, उसे ऐसा ही जवाब मिलेगा।