22 अप्रैल को पहलगाम की धरती पर निर्दोष लोगों का कत्लेआम करने वाले आतंकियों को भारत ने करारा जवाब दे दिया। 'ऑपरेशन सिंदूर' के नाम से चली भारतीय वायुसेना की सर्जिकल स्ट्राइक ने पाकिस्तान और PoK में मौजूद आतंकवाद के अड्डों को निशाना बनाकर नेस्तनाबूद कर दिया। लेकिन इस जवाब से पाकिस्तान तिलमिला उठा है।
मंगलवार आधी रात करीब 1:44 बजे शुरू हुए इस सैन्य अभियान के बाद पाकिस्तान ने अपनी बौखलाहट नियंत्रण रेखा (LoC) पर जाहिर की। रातभर चली पाकिस्तानी गोलाबारी ने जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों- पूंछ और तंगधार में कोहराम मचा दिया। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस अंधाधुंध फायरिंग में अब तक 15 आम नागरिकों की जान जा चुकी है और 43 के करीब घायल हैं। इसमे महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
तोपों और मोर्टार से की गई भीषण फायरिंग
6 और 7 मई की दरम्यानी रात पाकिस्तान की सेना ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिलों में भारी तोपों से हमला बोला। कई मोर्टार गोले रिहायशी इलाकों में गिरे, जिससे दर्जनों घर क्षतिग्रस्त हुए और निर्दोष लोगों की जान चली गई। मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
पुंछ के मनकोट, कृष्णा घाटी, शाहपुर सेक्टर और राजौरी के मंजाकोट व गंभीर ब्राह्मणा क्षेत्रों में गोलाबारी ने भयावह मंजर खड़ा कर दिया। लोग रातभर बंकरों में छिपकर जान बचाते रहे। एक महिला की घर पर मोर्टार गिरने से मौत हो गई, जबकि उसकी बेटी गंभीर रूप से घायल है।
मारे गए नागरिकों की पहचान
हमले में जान गंवाने वालों में मोहम्मद आदिल, सलीम हुसैन, रूबी कौर, 10 वर्षीय मोहम्मद ज़ैन, मोहम्मद अकरम, अमरीक सिंह, रणजीत सिंह, जोया खान (12 वर्ष), मोहम्मद रफी और मोहम्मद इकबाल जैसे कई आम नागरिक शामिल हैं, जो महज अपने घरों में थे।
स्कूल-कॉलेज बंद, जनता में दहशत
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी और पुंछ जिलों में सभी शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने ऐहतियातन ये कदम उठाया है ताकि छात्रों और शिक्षकों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
बहावलपुर समेत 9 आतंकी ठिकानों को उड़ाया गया
भारतीय सेना भी पूरी मुस्तैदी से मोर्चा संभाले हुए है। सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पाकिस्तानी हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। भीमबेर गली समेत कई इलाकों में भारतीय तोपों ने भी पाकिस्तान की चौकियों को निशाना बनाया है।
बता दें, भारतीय सेना ने पहलगाम में हुए आतंकी नरसंहार के जवाब में बहावलपुर सहित 9 प्रमुख आतंकवादी केंद्रों पर मिसाइलें दागीं, जिन्हें जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों का गढ़ माना जाता है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत यह कार्रवाई पूरी रात चली और इसका संदेश साफ था- भारत अब चुप नहीं बैठेगा।