भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पीओके में की गई निर्णायक कार्रवाई के कुछ ही घंटों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। यह मुलाकात बुधवार, 7 मई 2025 को हुई, जिसमें उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' की पूरी जानकारी साझा की।
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। इस घटना के ठीक 15 दिन बाद, भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को निशाना बनाया। यह कार्रवाई मंगलवार देर रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अंतर्गत की गई।
भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना की संयुक्त योजना के तहत यह ऑपरेशन बुधवार तड़के 1:05 बजे शुरू हुआ और महज 25 मिनट में नौ आतंकी शिविरों को तबाह कर दिया गया। इस दौरान कुल 24 मिसाइलों का उपयोग किया गया, जिससे लगभग 70 आतंकवादी मारे गए। अभियान में नागरिक ढांचों को नुकसान नहीं पहुँचाया गया और केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऑपरेशन की जानकारी बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में भी साझा की। रक्षा मंत्री, गृहमंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने इस साहसिक कार्रवाई की सराहना की और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विश्वास जताया। पीएम मोदी पूरे ऑपरेशन के दौरान लगातार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और सैन्य कमांडरों से संपर्क में बने रहे।
भारतीय सेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिस्री, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी मौजूद रहीं। कर्नल कुरैशी ने बताया कि पीओके में दशकों से आतंकियों के लिए बनाए गए प्रशिक्षण और लॉन्चिंग कैम्प अब खत्म किए जा चुके हैं।
ऑपरेशन के अगले ही दिन यानी गुरुवार 8 मई को केंद्र सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें विपक्षी नेताओं को अभियान से जुड़ी जानकारियाँ दी जाएंगी और सुरक्षा नीति को लेकर संवाद किया जाएगा।