जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या के बाद भारत ने कड़ा कदम उठाया। जवाबी रणनीति के तहत भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू करते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी संगठनों के अड्डों को मिसाइलों से ध्वस्त कर दिया।
इस ऑपरेशन को भारतीय वायुसेना ने रात्रि के समय अंजाम दिया। मिशन के तहत जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के ठिकानों पर एक के बाद एक मिसाइलें दागी गईं। वायुसेना के हमलों ने नौ प्रमुख आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया, जो इन संगठनों की गतिविधियों के गढ़ माने जाते थे।
सेना के पूर्व अध्यक्ष जनरल (सेवानिवृत्त) मनोज मुकुंद नरवणे ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "पिक्चर अभी बाकी है..." उनका इशारा इस बात की ओर था कि यदि पाकिस्तान उकसावे की कोई और कोशिश करता है, तो भारत की ओर से और भी निर्णायक हमले हो सकते हैं।
रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इस कार्रवाई में किसी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया। मंत्रालय के अनुसार, यह भारत के संतुलित और रणनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाता है—जिसमें अपराधियों को सजा देना प्राथमिकता है, न कि युद्ध को और अधिक बढ़ाना।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत की इस कार्रवाई को "युद्ध जैसी कार्रवाई" बताया और पलटवार की धमकी दी। हालांकि भारत की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि यह ऑपरेशन आतंक के खिलाफ था, न कि किसी राष्ट्र के खिलाफ।