पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत अब पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करने के साथ-साथ जमीनी स्तर पर भी काटने में जुट गया है। कूटनीतिक मोर्चे पर करारा जवाब देने के बाद अब भारत सीधे उन सेवाओं पर वार करने जा रहा है जिनका फायदा दशकों से पाकिस्तान उठाता आ रहा है। इंदिरा गांधी के 1971 वाले ऐतिहासिक फैसले की तर्ज पर अब मोदी सरकार भी पाकिस्तान पर ‘संचार और व्यापार की नाकाबंदी’ की ओर कदम बढ़ा चुकी है।
जानकारी के अनुसार, भारत सरकार जल्द ही पाकिस्तान के लिए पोस्टल सर्विस और शिपिंग लाइन बंद करने का बड़ा ऐलान कर सकती है। इन सेवाओं पर रोक लगाने से आम पाकिस्तानी नागरिकों और व्यापारियों पर सीधा असर पड़ेगा। भारत ने पहले ही पाकिस्तानी विमानों के लिए एयरस्पेस बंद कर दिया है और अब ज़मीन और समुद्र के रास्तों को बंद करने की तैयारी है।
पोस्टल सर्विस बंद तो होगा ये बड़ा असर:
-भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली चिट्ठियां, पार्सल, दवाइयां, ज़रूरी दस्तावेज़ – सब कुछ थम जाएगा।
-पाकिस्तान के हजारों नागरिक जो अपने रिश्तेदारों से संपर्क में रहने के लिए डाक पर निर्भर हैं, वे पूरी तरह कट जाएंगे।
-भारत का यह कदम पूरी दुनिया को यह संदेश देगा कि वह आतंक के सरपरस्त पाकिस्तान से हर तरह का संबंध खत्म करने को तैयार है।
शिपिंग लाइन पर लगी रोक तो पाकिस्तान होगा बेहाल
सीधे व्यापार भले सीमित हो, लेकिन तीसरे देशों के माध्यम से जो माल पाकिस्तान को मिलता है, उस पर भी सीधा असर पड़ेगा। भारत के प्रमुख पोर्ट्स- मुंद्रा और न्हावा शेवा के रास्ते से पाकिस्तान तक पहुंचने वाले कंटेनर अब बंद हो सकते हैं। पाकिस्तान भारत से मिलने वाले टेक्सटाइल, केमिकल, और दवाओं जैसी ज़रूरी चीज़ों से वंचित हो जाएगा।
भारत का अगला गेमचेंजर- चाबहार पोर्ट
भारत अगर ईरान के चाबहार पोर्ट के माध्यम से अफगानिस्तान और मध्य एशिया के लिए नया रास्ता खोल देता है, तो पाकिस्तान का रणनीतिक महत्व पूरी तरह खत्म हो सकता है। यह न केवल पाकिस्तान के व्यापार को खत्म करेगा बल्कि उसकी अंतरराष्ट्रीय हैसियत को भी गिरा देगा।
इतिहास में कब-कब रोकी गई ये सेवाएं?
-1965 की जंग में पहली बार भारत ने पोस्टल सेवाएं रोकी थीं।
-1971 की जंग में इंदिरा गांधी ने फिर से इन सेवाओं को बंद किया था।
-बाद में 1974 में कुछ सेवाएं शुरू हुईं, लेकिन अब एक बार फिर पाकिस्तान की हर सुविधा पर ताला लगने जा रहा है।
भारत अब हर मोर्चे पर पाकिस्तान को जवाब दे रहा है- न केवल सीमा पर बल्कि उसके घर तक असर डालने वाले फैसले लेकर। आने वाले दिनों में यह दबाव और बढ़ेगा।