उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बुधवार, 30 अप्रैल 2025 को एक भव्य और भावनात्मक सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया गया, जिसमें 125 हिन्दू जोड़ों का विवाह सम्पन्न करवाया गया। यह आयोजन 'अक्षय कन्यादान महोत्सव' के तहत किया गया, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत जी स्वयं उपस्थित हुए और एक जनजातीय समाज की कन्या राजवंती का कन्यादान कर समाज को भावनात्मक संदेश दिया।
इस विशेष अवसर पर 125 मंडप खोजवां क्षेत्र के एक तालाब किनारे तैयार किए गए थे। समारोह में शामिल सभी वर-वधू, उनके परिजन और हजारों दर्शक उपस्थित थे। जनजातीय समाज से आने वाली लड़की राजवंती, जिनके पिता एक मजदूर हैं, विवाह अमन नामक युवक से सम्पन्न हुआ। मोहन भागवत जी ने पहले परंपरा अनुसार राजवंती के पैर धोए, फिर विवाह के सारे वैदिक संस्कार पूरे कर कन्यादान किया। विवाह पूर्ण होने पर उन्होंने नवविवाहित जोड़े को ₹501 का शगुन भी भेंट किया और आशीर्वाद देते हुए अमन से कहा कि वह राजवंती को सदैव प्रसन्न रखे।
यह आयोजन संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी द्वारा आयोजित किया गया था, और खास बात यह रही कि इसमें पहली बार सामूहिक विवाह में पारंपरिक बारात भी निकाली गई। इसके लिए विशेष रूप से बग्गियाँ तैयार की गई थीं। इस आयोजन में दलित, जनजातीय, सवर्ण समेत विभिन्न वर्गों से आए जोड़ों का विवाह करवाया गया, जिससे सामाजिक समरसता का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत हुआ।
संघ प्रमुख मोहन भागवत जी ने समारोह को संबोधित करते हुए विवाह और परिवार के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा, "विवाह से कुटुंब बनते हैं और कुटुंब से समाज। समाज को मजबूत बनाने के लिए हर वर्ष इस तरह के आयोजन होने चाहिए।" उन्होंने परिवारों से आग्रह किया कि वे सप्ताह में कम से कम एक बार पूरे परिवार के साथ भोजन करें और अपनी मातृभाषा का अधिक से अधिक प्रयोग करें।
इस आयोजन में लगभग 5,000 लोग उपस्थित रहे। विवाह संस्कार विधिवत ढंग से सम्पन्न कराने के लिए बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) से ज्योतिषाचार्य बुलाए गए थे, जिन्होंने मंत्रोच्चार के साथ वैदिक रीति से सभी शादियाँ सम्पन्न कराईं।