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26 जुलाई: सर्द हिमालय आज ही गूंज गया था “वंदेमातरम” के उद्घोष से …”कारगिल विजय दिवस” की शुभकामनाएं ..

उन वीरो को सुदर्शन परिवार का बारम्बार नमन है जो देश की इंच इंच भूमि के लिए अंतिम सांस तक लड़े उस गद्दार मुल्क से जिसे दुनिया मे आतंकवाद का जनक कहा जाता है

Abhay Pratap
  • Jul 26 2021 10:42AM

आज से ठीक 21 साल पहले भारतीय सेना ने कारगिल में जेहादी व मज़हबी विचारधारा के पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़कर भारतीय जमीन से बाहर कर दिया था, जिसे हर वर्ष विजयदिवस के रूप में मनाया जाता है । ऑपरेशन विजय नाम के इस मिशन में भारत के सैकड़ों वीर सपूतों ने सीमा की रक्षा करते हुए अपनी जानें गंवाई थी । आज ही दिन देश के जांबाज सैनिकों ने पाकिस्तान को परास्त करके करगिल पर तिरंगा लहराया था । इस युद्ध में लगभग 527 जवान वीरगति को प्राप्त हुए तथा 1363 जवान घायल हुए !

21 साल पहले आज ही दिन यानी 26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी। इस दिन को हर वर्ष विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। करीब दो महीने तक चला कारगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और जांबाजी का ऐसा उदाहरण है जिस पर हर देशवासी को गर्व होना चाहिए। यकीनन इतना कठिन अभियान आज तक कोई देश नही जीत पाया था .  18 हजार फीट की सीधे चढाई रूपी ऊंचाई पर कारगिल में लड़ी गई इस जंग में देश ने लगभग 527 से ज्यादा वीर योद्धाओं को खोया था वहीं 1300 से ज्यादा घायल हुए थे।

वैसे तो पाकिस्तान ने इस युद्ध की शुरूआत 3 मई 1999 को ही कर दी थी जब उसने कारगिल की ऊंची पहाडि़यों पर 5,000 सैनिकों के साथ घुसपैठ कर कब्जा जमा लिया था। इस बात की जानकारी जब भारत सरकार को मिली तो सेना ने पाक सैनिकों को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन विजय चलाया। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का भी इस्तेमाल किया। इसके बाद जहां भी पाकिस्तान ने कब्जा किया था वहां बम गिराए गए। इसके अलावा मिग-29 की सहायता से पाकिस्तान के कई ठिकानों पर आर-77 मिसाइलों से हमला किया गया.

बड़ी संख्या में रॉकेट और बम का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान करीब दो लाख पचास हजार गोले दागे गए। वहीं 5,000 बम फायर करने के लिए 300 से ज्यादा मोर्टार, तोपों और रॉकेट का इस्तेमाल किया गया। लड़ाई के 17 दिनों में हर रोज प्रति मिनट में एक राउंड फायर किया गया। बताया जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यही एक ऐसा युद्ध था जिसमें दुश्मन देश की सेना पर इतनी बड़ी संख्या में बमबारी की गई थी। बलिदान की ये श्रंखला वीर सौरभ कालिया से शुरू हुई जो अजय आहूजा से होते हुए विक्रम बत्रा , मनोज पांडे जैसी कई योद्धाओं पर समाप्त हुई.

आज उन सभी वीरो को बारंबार नमन करते हुए उनकी यशगाथा को सदा सदा के लिए अमर रखने का संकल्प सुदर्शन परिवार दोहराता है .. उन वीरो को सुदर्शन परिवार का बारम्बार नमन है जो देश की इंच इंच भूमि के लिए अंतिम सांस तक लड़े उस गद्दार मुल्क से जिसे दुनिया मे आतंकवाद का जनक कहा जाता है .. भारत माता की जय .. जय हिंद की सेना

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