इनपुट- ज्ञानेश लोहानी, लखनऊ
एस०टी०एफ०, उ०प्र० को लखनऊ विकास प्राधिकरण (एल०डी०ए०) के प्लाटों के कूटरचित दस्तावेज बनाकर फर्जी तरीके से लोगों को बेचने वाले गैंग के एक वांछित सदस्य को लखनऊ से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई।
जांच में पता चला है कि लखनऊ में एक गिरोह सक्रिय है, जो लखनऊ विकास प्राधिकरण के कई वर्षों से खाली पडे प्लाटों को चिन्हित कर उसके बारे में जानकारी निकालकर उसके नकली कागजात तैयार करके फर्जी तरीके से लोगों को बेच दिया जाता है। इसी मामले में दीपक कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ के पर्यवेक्षण में एसटीएफ मुख्यालय में निरीक्षक हेमन्त भूषण सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित कर अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी, जिसके क्रम में दिनाक 27.03.2025 को एलडीए के प्लाटों के फर्जी दस्तावेज के आधार पर लोगों को फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करने वाले गिरोह के 06 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। इसी मुकदमे में सुशील मिश्रा वांछित था, जिसे गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार अभियुक्त सुशील मिश्रा ने बताया की वह अचलेश्वर गुप्ता के गिरोह का ही सदस्य है। इस गिरोह द्वारा लखनऊ विकास प्राधिकरण के कई वर्षों से खाली पडे प्लाटों को चिन्हित कर उसके बारे में जानकारी निकालकर उसके कूटरचित कागजात तैयार करके फर्जी तरीके से लोगों को बेच दिया जाता है। यह लखनऊ विकास प्राधिकरण के कुछ बाबूओं से मिलकर काफी दिनों से खाली प्लाटों के बारे में जानकारी करके उसके असली मालिक का नाम पता करता ज्ञात करता है। उन खाली प्लाटों के असली मालिकों के नाम से फर्जी आधार कार्ड व अन्य प्रपत्र तैयार कराकर किसी अन्य व्यक्ति को उस प्लाट की रजिस्ट्री करवा देते हैं। अब तक यह लोग लगभग 70-80 प्लाटों को बेच चुके हैं। उसके साथ इस काम में राम बहादुर सिंह, सचिन सिंह, मुकेश मौर्या, राहुल सिंह साथ देते हैं। राम बहादुर सिंह प्लाट के फर्जी कागज तैयार करता हैं। सचिन सिंह प्लाट को खरीदने वाली पार्टी लाता है। मुकेश मौर्या प्लाट मालिक का आधार कार्ड व अन्य जरूरी कागज तैयार करता है। राहुल सिंह गवाह तैयार करता है। इसके अतिरिक्त यह लखनऊ के कई अन्य भूमाफियाओं को भी फर्जी रजिस्ट्री के कागजात बना कर दिया है, जिनके सम्बन्ध में जानकारी की जा रही है।