1. साथियों नमस्कार, पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद 24 अप्रैल को CWC की URGENT बैठक हुई थी। उसमें हमने resolution Pass कर आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में और आतंकवादीयों को सबक सिखाने में सरकार को सभी संभव सहयोग देने की बात कही थी।
2. पर इस घटना के कई दिन बाद भी सरकार की तरफ़ से कोई स्पष्ट रणनीति सामने नहीं आई है।
3. राहुल गांधी जी ने कानपुर में शुभम द्विवेदी के परिवारजनों से मुलाकात की औऱ सरकार से मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा और सम्मान देने की माँग की है।
4. देश की एकता, अखंडता और खुशहाली की राह में जो भी चुनौती बनकर आएगा, उसके ख़िलाफ़ हम एक होकर सख्ती से निपटेंगे। पूरा विपक्ष इस मसले पर सरकार के साथ है। हमने पूरी दुनिया को यही संदेश दिया है।
5. साथियों, इसी बीच मोदी सरकार ने Census के साथ Caste Census कराने का फैसला किया है।
6. इसके लिए मैं सबसे पहले मैं राहुलजी को बधाई देता हूँ, जिन्होंने लगातार इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार को जाति जनगणना का फैसला करने को मजबूर किया। आपने भारत जोड़ो न्याय यात्रा में इसे ताकतवर campaign में बदल दिया। और सामाजिक न्याय 18वीं लोक सभा के चुनाव का सबसे अहम मुद्दा बन गया।
7. राहुल जी ने फिर साबित किया है कि हम अगर सच्चाई से लोगों के मुद्दों को उठाते हैं तो सरकार को झुकना ही पड़ता है। Land Acquisition amendment Bill से लेकर तीन काले किसान क़ानून के वापसी के बाद जाति जनगणना भी इस कड़ी में शामिल हो गयी है, जिसमें एक हठी सरकार को एक बार फिर से झुकना पड़ा है।
8. काँग्रेस की राज्य सरकारों ने तेलंगना और कर्नाटक में Caste Survey की प्रक्रिया पूरी करके सरकारी योजनाओं में इसे अमल में लाना शुरू कर चुकी है।
9. गुजरात में AICC Session में भी हमने 9 अप्रैल, 2025 को अपनी मांग दोहराते हुए, Resolution पारित किया था। हमने 50 परसेंट सीलिंग को भी हटाने की माँग की। सीलिंग हटाने का काम संविधान संशोधन के द्वारा होगा।
10. जाति जनगणना की सालों पुरानी हमारी मांग को सरकार ने माना, पर जो समय चुना गया उससे हमें आश्चर्य के साथ हैरानी भी हुई। जिस भाषा और भाव के साथ कई बातें कही गयीं, उसको लेकर भी कई संदेह हमारे दिल में पैदा हुए हैं।
11. जब 16 अप्रैल, 2023 को मैने प्रधानमंत्रीजी को चिट्ठी लिखकर इस बारे में माँग की थी तो सरकार इसके बिल्कुल ख़िलाफ़ थी। फिर अचानक हृदय परिवर्तन कैसे हुआ !
12. सरकार ने हरेक मंच पर हमारी माँग का विरोध किया। इसेविभाजनकारी बताया और URBAN NAXAL कहा। राज्यों के चुनावों में मोदीजी से लेकर RSS नेताओं ने इसकी आलोचना की। बंटेगे तो कटेंगे जैसे नारे दिए गए।
13. हमें लोगों को यह बताने की ज़रूरत है कि UPA 2 में शुरू हुई 2011 Caste census की पूरी प्रक्रिया 31 मार्च 2016 में समाप्त हुई। सरकार ने इस बात को 2022 में एक राज्य सभा के प्रश्न के उत्तर में ख़ुद माना है। फिर हमसे 2014 में अधूरे आंकड़ों को प्रकाशित करने की अपेक्षा नासमझी नहीं तो क्या है?
14. हम यह कहेंगे कि हमारी बात देर से ही सही उनकी समझ में आई, इस बात की हमें ख़ुशी है। पुरानी कहावत है देर आए दुरुस्त आए !
15. कांग्रेस ने 2024 के चुनाव में comprehensive सामाजिक, आर्थिक और जाति जनगणना कराकर सभी जातियों और समुदायों की आबादी, सामाजिक- आर्थिक दशा, राष्ट्रीय संपदा में उनकी हिस्सेदारी और governance से जुड़े संस्थानों में उनके प्रतिनिधित्व को जानने की बात कही थी। समाज का X RAY इससे होगा, हमारा ये विचार है।
16. इस मांग पर हम लगातार कायम रहे। मुख्य विपक्षी दल के रूप में हमने संविधान बचाओ अभियानों में इस मांग को लगातार मुखरित किया।
17. संसद के भीतर और बाहर लगातार राहुलजी ने अपने हर भाषण में इसकी माँग रखी। हमारे सभी साथियों ने इस बात को आगे बढाया। इसलिए मैं आप सभी को इसकी बधाई देता हूं।
18. लेकिन यह हमारे लिए यह किसी जीत-हार या राजनीति का मुद्दा नहीं है। कांग्रेस हमेशा से ही देश के सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन और गरीबी के खिलाफ संघर्ष करती आ रही है। हमारे राजनीतिक एजेंडे का ये हिस्सा बना हुआ है।
19. 1931 में जो जातिगत जनगणना हुई, इस गणना के दो महीने पहले महात्मा गांधी ने YOUNG INDIA में एक संपादकीय लिखा था और कहा था कि - “जैसे अपने शरीर की पड़ताल के लिए हम समय समय पर मेडिकल परीक्षण कराते हैं, जनगणना उसी तरह किसी राष्ट्र का सबसे महत्वपूर्ण परीक्षण होती है।”
20. गांधीजी ने यह बात भी कही थी कि - “जनगणना की उपयोगिता तब है जब सरकार जरूरी सूचनाओं का इस्तेमाल बेहतरी के लिए करे।”
21. तो बेशक सरकार ने जातिगत जनगणना कराने की हमारी मांग मान ली है। लेकिन अब हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा की यह जातिगत जनगणना सही तरीके से हो। इसके जो नतीजे आएं, उन पर भी अमल हो। उनके हिसाब से Policies और कानून बने।
22. मोदी सरकार ने तो 2021 की जनगणना नहीं कराई। आज भी सारा सरकारी काम 2011 की जनगणना के आंकड़ों पर चल रहा है।
23. जातिगत जनगणना का काम RSS की आरक्षण विरोधी सोच के कारण भी मोदी सरकार लगातार टालती रही। पर अब जब जनता इस मुद्दे पर काँग्रेस पार्टी और सहोयोगी दलों के साथ जुड़ने लगी तो मोदी जी के लिए इसे और अधिक टालना संभव नहीं रहा।
24. लेकिन अभी भी बजट से लेकर सरकारी की नीति और नीयत के कई सवाल कायम हैं। इसलिए हमें इसे अंजाम तक ले जाने तक मुस्तैद रहना है।
25. सरकार इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने में लगी है। आज बिहार में उनके बड़े नेता हरेक जिले में Press Conference कर के इसका श्रेय BJP और प्रधानमन्त्री मोदी को देने की कोशिश कर रहे हैं और काँग्रेस पार्टी को ही जातिगत जनगणना विरोधी बता रहे हैं।
26. इसलिए हमें अपनी रणनीति बनानी होगी। यदि आवश्यक हो तो अपने सहयोगी दलों को साथ लेकर National level पर या state level पर जो उचित हो Public Meeting करनी चाहिए या फिर पूरे देश में press conference करने की बात पर विचार करना चाहिए।
27. इसी विषय पर Aicc Communication Department ने 1 मई को 90 मिनट की Detail प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। आप चाहें तो इसी जानकारी के आधार पर राज्यों में भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करवा सकते हैं।
28. अभी बहुत सी बातें राजनीतिक तौर पर उठेंगी, जिसके लिए हमें तैयार रहना है। जातिगत जनगणना और उसके बाद हमारी सभी मांगे सही तरीके से पूरी हो इसे सुनिश्चित करना है।
29. मैं अपनी बात समाप्त करता हूँ। आप सभी का धन्यवाद।