जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत को रूस का बड़ा समर्थन मिला है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आज यानी सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर इस हमले की कड़ी निंदा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि पुतिन ने निर्दोष लोगों की हत्या पर गहरा शोक जताया और आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत को हरसंभव सहयोग देने की प्रतिबद्धता दोहराई।
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि इस जघन्य हमले के जिम्मेदार लोगों और उनके मददगारों को सख्त सजा दी जानी चाहिए। दोनों नेताओं ने भारत-रूस के विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। प्रधानमंत्री मोदी ने भी विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ पर पुतिन को शुभकामनाएं दीं और उन्हें इस वर्ष के अंत में भारत में प्रस्तावित वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने का निमंत्रण दिया।
रूस का यह समर्थन ऐसे समय में आया है जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी। मारे गए लोगों में अधिकतर पर्यटक थे, जिससे यह हमला और भी ज्यादा निंदनीय माना जा रहा है। 2019 के पुलवामा हमले के बाद इसे अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला बताया जा रहा है।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच उत्पन्न तनाव पर चिंता जताई थी। उन्होंने दोनों देशों से संयम बरतने और किसी भी प्रकार की उकसावे की कार्रवाई से बचने की अपील की। रूस की यह पहल क्षेत्र में शांति बनाए रखने की दिशा में एक अहम संदेश मानी जा रही है।
भारत ने हमले के बाद कई सख्त कदम उठाए हैं। इनमें 1960 की ऐतिहासिक सिंधु जल संधि को निलंबित करने का फैसला भी शामिल है। यह संधि दोनों देशों के बीच जल वितरण से जुड़ी थी और दशकों से एक स्थायी समझौते के रूप में कायम थी। भारत ने संकेत दिया है कि वह अब राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर हर समझौते की समीक्षा करेगा।