महाराष्ट्र के पुणे जिले के मुलशी तालुका में हिन्दू आस्था को चोट पहुंचाने वाला शर्मनाक मामला सामने आया है। एक गांव में शिवलिंग को अपवित्र करने की आपत्तिजनक हरकत से इलाके में भारी तनाव फैल गया है। घटना के बाद गुस्साए हिंदुओं ने पौड गांव में आक्रोश मार्च निकाला, और आज पूरे मुलशी तालुका को बंद रखने का ऐलान कर दिया गया है। यह घटना शुक्रवार (2 अप्रैल) को पौड गांव के मंदिर में हुई।
16 साल के एक नाबालिग चांद शेख ने शिवलिंग को अपवित्र करने की घिनौनी हरकत की। मंदिर में लगे CCTV कैमरों में यह हरकत साफ तौर पर कैद हुई। जब ग्रामीणों ने आरोपी परिवार से सवाल किए तो उन्हें धमकियों और उदासीन रवैये का सामना करना पड़ा। यह वही रवैया है, जो कट्टर मानसिकता से भरा हुआ होता है।
धार्मिक उकसावे की साजिश या सोची-समझी प्लानिंग?
इस शर्मनाक घटना को केवल एक ‘शरारत’ मानना भूल होगी। जब शिवलिंग जैसे पवित्र प्रतीक पर जानबूझकर हमला किया जाए, और जवाब में आरोपी का पिता धमकाने लगे- तो यह सीधा धार्मिक उकसावा और हिंदुओं के खिलाफ साजिश की बू देता है।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नाबालिग को हिरासत में लिया और उसके पिता नौशाद शेख को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन सवाल ये है- क्या ऐसी मानसिकता के खिलाफ केवल गिरफ्तारी काफी है? क्या ये कट्टर सोच यहीं रुक जाएगी?
गांवों में उबाल, मस्जिदों में बाहरी प्रवेश पर रोक
घटना के बाद सिर्फ पौड नहीं, बल्कि लावले, पिरंगुट और घोटावडे जैसे गांवों में भी तनाव फैल गया है। स्थानीय लोगों ने आपात बैठकें की हैं और मस्जिदों में बाहरी लोगों के प्रवेश पर अस्थाई रोक लगा दी गई है। हिंदू समाज ने मांग की है कि इस घटना को 'मामूली शरारत' समझने की गलती न की जाए। ये धर्म पर हमला है, और ऐसे तत्वों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियों को सीख मिल सके।