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Ujjain: महाशिवरात्रि पर 21 लाख दीयों से रोशन होगी महाकाल की नगरी उज्जैन... नया इतिहास रचने की है तैयारी

गौरतलब है कि इससे पहले 11 से 15 लाख दीप जलाने की योजना बनी थी लेकिन बाद में इसे 21 लाख कर दिया गया... जहां अब 21 लाख दीप जलाए जाएंगे.. दीयों को लगाने के लिए 12 हजार स्वयंसेवक लगेंगे.. इसके लिए जिला पंचायत, शिक्षा विभाग, नगर निगम और स्मार्ट सिटी को जिम्मेदारी दी गई है।

Geeta
  • Feb 21 2022 5:06PM

महाशिवरात्रि पर महाकाल की नगरी कहे जाने वाले उज्जैन में नया इतिहास रचने की तैयारी है.... बता दें कि उज्जैन शहर को 21 लाख दीपों से जगमग की तैयारी की जा रही है... बताया तो यहां तक जा रहा है कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड तथा लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में शहर का नाम दर्ज करवाने की भी पूरी योजना है.

गौरतलब है कि इससे पहले 11 से 15 लाख दीप जलाने की योजना बनी थी लेकिन बाद में इसे 21 लाख कर दिया गया... जहां अब 21 लाख दीप जलाए जाएंगे.. दीयों को लगाने के लिए 12 हजार स्वयंसेवक लगेंगे.. इसके लिए जिला पंचायत, शिक्षा विभाग, नगर निगम और स्मार्ट सिटी को जिम्मेदारी दी गई है।

बताया जा रहा है कि आने वाली इस महाशिवरात्रि पर शिप्रा नदी के भूखी माता मंदिर घाट से लेकर रामघाट तक 12 लाख दीपक लगाए जाएंगे... जहां तीन लाख दीपक अलग-अलग जगहों, घरों और प्रतिष्ठानों में लगेंगे... वहीं इस बात की जानकारी देते हुए कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि पहले 15 लाख दीये लगाने की योजना थी, लेकिन जिस तरह से कार्यक्रम के लिए लोग भागीदारी कर रहे हैं, इसे देखते हुए लक्ष्य को और बड़ा कर दिया है।

बताया जा रहा है कि अलग-अलग घाटों पर 12 लाख दीये, महाकाल मंदिर में 51 हजार दीये, फ्रीगंज टॉवर पर एक लाख, शहर के मंगलनाथ, चिंतामण , कालभैरव, भूखी माता, हरसिद्धि मंदिर सहित अन्य मंदिरों पर भी दीपक जलाए जाएंगे। बताया गया कि दीये लगाने के लिए तेलमिट्टी के दीये और बाती समेत अन्य खर्च करीब 40 लाख रुपए आएगा। करीब 1500 डिब्बे तेल लगने की संभावना है। लाख रुपए की बाती भी आएगी। कार्यक्रम में सभी दीपक एक साथ शाम सात बजे जलाए जाएंगे। इससे पहले सायरन बजेगा और वॉलंटियर दीपक जलाना शुरू कर देंगे। सभी दीपक करीब एक घंटे तक जलेंगे। इसके लिए स्वयंसेवकों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है।

दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया में पहली बार होगा, जब एक शहर में एक साथ और एक समय पर 21 लाख दीपक जलाए जाएंगे। आयोजन के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के अधिकारियों से संपर्क किया गया है। उनकी टीम के कुछ सदस्य तैयारी देखने उज्जैन आएंगे।

उन्होंने जानकारी दी कि सामाजिक संगठनों, विद्यार्थियों और दूसरे धर्मों से जुड़े लोगों को भी शामिल किया गया है... समितियां बनाई गई हैं.. क्षिप्रा किनारे एक हजार दीपक लगाकर रिहर्सल भी की गई.. एक आदमी लगभग सौ दीये लगा सकेगा. गौरतलब है कि इसके पहले अय़ोध्या में दीपोत्सव हुआ था। अयोध्या में दीपावली के मौके पर 9 लाख दीपक लगाए गए थे। 

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