हिंदू
धर्म में पितृ पक्ष का समय महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान पितरों की आत्मशांति
के लिए श्राद्ध, तपर्ण और पिडंदान किया जाता है। हर साल भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की
पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरूआत होती है और आश्विन माह कृष्ण पक्ष की
अमावस्या तिथि को समाप्त होती है। इस साल पितृपक्ष 29 सितंबर से 14 अक्टूबर तक
रहने वाला है।
पितृ
पक्ष में दान का विशेष महत्व
वैसे
तो हिन्दू धर्म शास्त्रों में भी दान करने को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें कही गई है।
क्योंकि दान को सबसे शुद्ध एवं सबसे पुन्य का काम माना गया है। अगर आप पितृ पक्ष
में कुछ खास चीजें खरीदते है और उनका दान करते है तो आपके पूर्वज काफी प्रसन्न
होते हैं। इसके साथ ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष में दान करने से पितृ दोष
समाप्त हो जाता है और जीवन में चल रही समस्याएं समाप्त हो जाती है।
आइय
जानते है कि पितृपक्ष में किन चिजों का दान करना चाहिए।
गाय
के घी का दान
हमारे
धर्म-ग्रथों में गाय को माता स्वरूप माना गया है। गाय के पूजन से स्वत: ही समस्त
बाधाओं का अंत हो जाता है। पितृपक्ष में गाय के घी का दान करना भी फलदायी होता है।
जूते
और चप्पल का दान
माना
जाता है कि जूते चप्पल का दान करने से आने वाली विपत्ति से बचा जा सकता है और कुंडली
के दोषों का भी निवारण हो जाता है। ऐसा करने से घर में खुशहाली आती है और सुख शांति मिलती है।
नमक
का दान
कहते
हैं कि जिसका नमक खाओ, उसके प्रति सदैव ऋणी रहो। इसलिए कहा भी जाता है कि नमक का कर्ज कभी नहीं
भूलना चाहिए। नमक का दान किए बिना पितृपक्ष कभी संपन्न नहीं माना जाता है।
अन्न
का दान
पितृपक्ष
में अन्न का दान महादान माना गया है। मान्यता है कि इससे पितरों को तृप्ति मिलती
है। पितृपक्ष में अगर आप अन्नदान करना चाहते हैं तो गेहूं और चावल का दान सर्वश्रेष्ठ
होता है।
गुड़ का दान
गुड़
का दान करने से पितरों को विशेष संतुष्टि प्राप्त होती है। इससे पितरों की आत्मा
को शांति मिलती है। साथ ही, घर में सुख शांति बनी रहती है। ऐसी मान्यता है कि गुड़ का दान करने से
घर का क्लेश भी दूर हो जाता है।
काले
तिल का दान
श्राद्ध
के दौरान काले तिल का दान जरूर करना चाहिए। मान्यता है कि पितृपक्ष में अगर किसी
और चीज का दान करना सामर्थ्य न हो तो काले तिल का दान तो अवश्य करना चाहिए।
चांदी
का दान
पितृ
पक्ष के दौरान चांदी की वस्तु का दान करना सबसे अच्छा होता है। ऐसी मान्यता है कि
चांदी का दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इसके साथ ही उनका आशीर्वाद आप पर
हमेशा बना रहता है।