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Masik Kalashtami 2025: मासिक कालाष्टमी के दिन ऐसे करें पूजा, जानें विधि और महत्व

मासिक कालाष्टमी, भगवान काल भैरव की आराधना का विशेष दिन है, जो प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

Deepika Gupta
  • May 9 2025 7:03AM

हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कालाष्टमी (Masik Kalashtami) मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से भगवान भैरव को समर्पित होता है, जो भगवान शिव का रौद्र रूप माने जाते हैं। मासिक कालाष्टमी पर विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से सभी बाधाओं का नाश होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

कब है मासिक कालाष्टमी? 

वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 20 मई को सुबह 05 बजकर 51 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 21 मई को सुबह 04 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में मासिक कालाष्टमी का का व्रत 20 मई को रखा जाएगा।

 कालाष्टमी पूजा विधि

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

घर के मंदिर या भैरव मंदिर में भगवान काल भैरव की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं।

उन्हें काले तिल, नारियल, सरसों का तेल और काले कपड़े अर्पित करें।

"ॐ कालभैरवाय नमः" मंत्र का जाप 108 बार करें।

भैरव जी को मदिरा, कुत्ते को रोटी और गुड़ खिलाना भी शुभ माना जाता है।

रात के समय भैरव चालीसा और काल भैरव अष्टक का पाठ करें।

मासिक कालाष्टमी का महत्व 

मान्यता है कि कालाष्टमी पर भगवान भैरव की उपासना करने से व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक ऊर्जा, बुरी शक्तियाँ, रोग, भय और शत्रुता समाप्त हो जाती है। यह दिन तांत्रिक साधना के लिए भी अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।

शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव ने अपने उग्र रूप काल भैरव को तब उत्पन्न किया था जब ब्रह्माजी ने अहंकारवश मर्यादाओं का उल्लंघन किया था। इसलिए भैरव को 'दंडाधिकारी' के रूप में पूजा जाता है।

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