अक्सर यूनियन आदि में ये समूह फैक्ट्रियो आदि में तालाबंदी करवाता दिख जाएगा. लाल रंग के झंडे ले कर कभी जिलाधिकारी और प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालयों के आगे तो कभी टोल बूथों पर खड़े दिखाई देने के साथ JNU और AMU में उन्मादी नारे लगाने वाले वामपंथियो की एक पहल आख़िरकार सफल होती दिखाई दे रही है.
भारत में ही रह कर भारत के उद्योगपतियों के खिलाफ कभी अल्पसंख्यको के बहाने तो कभी किसानो की आड़ में अपना एजेंडा चलाने वाले वामपंथियो द्वारा लगातार उठाये जा रहे बॉयकाट के अभियान का जमीनी असर साफ दिखाई देने लगा है. वर्तमान में चल रहे किसान आन्दोलन में भी प्रधानमन्त्री और कृषि बिल के अलावा जो नाम गूंजता रहा वो अम्बानी और अडानी ही था.
इस मामले का अध्ययन करने वाली संस्था के अनुसार ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के आंकड़ों के मुताबिक मुकेश अंबानी अब कुल 5.72 लाख करोड़ रुपये के साथ दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 11वें नंबर पर हैं, जो इस वर्ष की शुरुआत में लगभग 6.62 लाख करोड़ रुपये से कम है।
वर्तमान में अंबानी, सेर्गेई ब्रिन व लैरी एलिसन के बाद 11 वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं.नेटवर्थ में गिरावटकोविड-19 महामारी (Covid-19) के दौरान भी इस साल मुकेश अंबानी की कमाई में कमी नहीं आई. आरआईएल का शेयर सितंबर में 2,369.35 रुपये पर पहुंच गया था जो रिकॉर्ड हाई था। उसके बाद करीब 19 फीसदी नीचे गिरकर 1998.10 रुपये का भाव रह गया। हालांकि, इस दौरान मुकेश अंबानी की दौलत स्थिर ही रही है।