पीएम मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह के गृहराज्य गुजरात को नया सीएम मिल गया है. भूपेन्द्र पटेल ने गुजरात के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है. राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भूपेंद्र पटेल को गुजरात के सीएम पद की शपथ दिलाई. भूपेंद्र पटेल ने गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. भूपेंद्र पटेल के शपथ ग्रहण समारोह में गृह मंत्री अमित शाह, सीएम शिवराज सिंह चौहान, गोवा के सीएम प्रमोद सावंत, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर मौजूद रहे.
शपथ लेने से पहले भूपेंद्र पटेल ने गांधीनगर के स्वामीनारायण मंदिर में गौ-पूजा की. भूपेंद्र पटेल 2017 में पहली बार विधायक चुने गए थे. उस समय उन्होंने 1 लाख 17 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी. उस समय भूपेंद्र पटेल ने भी ये नहीं सोचा होगा कि उनकी किस्मत इस तरह से पलटेगी तथा वह उस गुजरात के मुख्यमंत्री बनेंगे, जिस गुजरात से नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों के दिल में जगह बनाई तथा देश के प्रधानमंत्री बने.
भूपेंद्र पटेल के संगी-साथी उन्हें प्यार से 'दादा' बुलाते हैं. घटलोदिया और मेमनगर के निवासियों के बीच भी वो इसी उपनाम से मशहूर हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूं ही अपने गृह प्रदेश की कमान भूपेंद्र पटेल के हाथों नहीं सौंप दी है, बल्कि सात साल के उनके कामकाज ने मोदी का मन मोह लिया है. वर्ष 2010 से 2017 तक के पहले पांच वर्षों में अहमदाबाद नगर निगम की स्थायी समिति और फिर बाद के दो वर्षों तक अहमदाबाद अर्बन डिवेलपमेंट अथॉरिटी (AUDA) के अध्यक्ष के तौर पर पटेल ने नौकरशाहों और नेताओं के बीच की खींचतान खत्म करने में बड़ी भूमिका निभाई.
अधिकारियों और चुनकर आए जनप्रतिनिधियों के बीच तालमेल ने शानदार परिणाम दिए और अहमदाबाद में निगम ने कई विकास परियोजनाओं को सिरे चढ़ाया. वर्ष 2010 में थलतेज से पार्षद चुने जाने के बाद भूपेंद्र पटेल को अहमदाबाद नगर निगम की स्टैंडिंग कमिटी का चेयरमैन बना दिया गया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास के 'गुजरात मॉडल' का चेहरा अहमदाबाद को ही बनाया था. अहमदाबाद को तब जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण अभियान के तहत 2,700 करोड़ रुपये, बस रैपिड ट्रांजिट प्रॉजेक्ट के लिए 1,100 करोड़ रुपये के अलावा साबरमती रिवरफ्रंट के लिए दो चरणों में 1,200 करोड़ रुपये की रकम दी गई थी.
इन योजनाओं के सही तरीके से जमीन पर उतारने में भूपेंद्र पटेल की बड़ी भूमिका रही. इतना ही नहीं, वर्ष 2011 में अहमदाबाद यूनेस्को की संभावित विश्व धरोहर शहरों की सूची में भी शामिल हो गया. पटेल ने वर्ष 2012 में बिल्डिंग रेग्युलाइजिंग स्कीम को बढ़ावा देने के लिए शुल्क कटौती का आइडिया दिया तब तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी सराहना की थी. पटेल ने वर्ष 2015 से 2017 तक एयूडीए चेयरमैन के तौर पर भी कई इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट्स को गति देने में काफी प्रमुख भूमिका निभाई थी. इनमें सानंद और बोपल में फ्लाइओवर्स और सड़कों के साथ-साथ कई अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट्स शामिल हैं जिन्होंने 2017 के चुनाव में बीजेपी को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई थी.