यूपीएटीएस को मंगलवार को बुडी सफलता हासिल हुई। मानव तस्करी के एक बड़े रैकेट का खुलासा करते हुए गिरोह के सरगना सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। ये लोग बांग्लादेश से महिलाओं व बच्चों को अवैध रूप से भारत लाकर बेचते थे। लोगो की तस्करी त्रिपुरा बॉर्डर से की जाती थी, इस गिरोह के पकड़े जाने के बाद देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर फिर सवाल खड़े होने लगे है।
36 घंटे से अधिक चला ऑपरेशन-
बता दें मानव तस्करी के इस गिरोह को पकड़ने के लिए यूपीएटीएस के 30 अधिकारियों ने 36 घंटे से अधिक का ऑपरेशन किया। एटीएस को आरोपियों के पास से मोबाइल, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बांग्लादेश नागरिकता पहचान पत्र, एटीएम, रेलवे टिकट व यूएनएचसीआर के कार्ड की छायाप्रति, पांच बांग्लादेशी टका और 24480 रुपये बरामद हुए हैं।
मामले का खुलासा करते हुए एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि यूपी एटीएस को पिछले कुछ दिनों से सूचना प्राप्त हो रही थी कि एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह बांग्लादेश व म्यांमार के नागरिकों को अवैध रूप से भारत में लाकर और उनके नकली दस्तावेज तैयार करवाकर उन्हें भारत के विभिन्न राज्यों एवं एनसीआर क्षेत्र जैसे नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली में बसाता है।
ये है गिरोह का सरगना-
जांच करने पर पता चला कि गिरोह का सरगना मोहम्मद नूर उर्फ नूरुल इस्लाम है जो रोहिंग्या व बांग्लादेशी महिलाओं को शादी और पुरुषों व बच्चों को फैक्ट्रियों में काम करने जैसे प्रलोभन देकर अवैध रूप से भारत में लाकर बसाता है व शादी कराने और बेहतर जिंदगी मुहैया कराने का झांसा देकर उन्हें असामाजिक तत्वों के हाथों बेच देता है। इसके साथ ही रहमतुल्लाह और शबीउर्रहमान को भी गिरफ्तार किया गया है। इस रैकेट महिलाएं भी शामिल हैं।
ऐसे हुई धरपकड़-
निगरानी में पता चला कि नूर मोहम्मद कुछ रोहिंग्या व बांग्लादेशी नागरिकों के साथ ट्रेन से दिल्ली जा रहा है। जिस पर यूपी एटीएस की टीम ने पांच व्यक्तियों को गाजियाबाद में ट्रेन से उतारकर उनसे पूछताछ की। गिरोह के सरगना ने बताया कि उनका एक साथी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उनसे मिलने आने वाला है जिसकी सूचना पर उस व्यक्ति को भी दिल्ली रेलवे स्टेशन से हिरासत में लेकर सभी छह व्यक्तियों को एटीएस मुख्यालय लखनऊ लाकर पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद इस गिरोह में शामिल तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया।