मकर संक्रांति के मौके पर केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने 75 लाख लोगों के लिए वैश्विक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम आयोजित किया. कार्यक्रम में देश-विदेश से करीब 75 लाख लोग शामिल हुए. इसमें केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी शमिल हुए. मंत्री भी सूर्य नमस्कार करते हुए नज़र आए. इस दाैरान उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति के अवसर पर हमने सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम का आयोजन किया.
आयुष मंत्रालय ने कहा कि 'सूर्य नमस्कार' सूर्य की प्रत्येक किरण के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए सूर्य को प्रणाम के रूप में किया जाता है, क्योंकि वह सभी जीवों का पोषण करता है. मंत्रालय के बयान के अनुसार, ''वैज्ञानिक दृष्टि से, सूर्य नमस्कार को प्रतिरक्षा विकसित करने और जीवन शक्ति में सुधार करने के लिए जाना जाता है, जो महामारी की आज की इस स्थिति में लोगों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है.
आयुष मंत्रालय बयान के अनुसार सूर्य के संपर्क में आने से मानव शरीर को विटामिन डी मिलता है, जिसे दुनिया भर की सभी चिकित्सा शाखाओं में व्यापक रूप से मान्यता मिली है. सूर्य नमस्कार के सामूहिक प्रदर्शन का उद्देश्य इसके जरिए जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का संदेश भी देना है.
आयुष मंत्रालय बयान के अनुसार आज की दुनिया में जहां जलवायु जागरूकता जरूरी है वहीं, दैनिक जीवन में सौर ई-ऊर्जा (हरित ऊर्जा) के इस्तेमाल से कार्बन उत्सर्जन में काफी कमी आएगी, जिससे पृथ्वी को खतरा है. बयान में कहा गया है, ''इसके अलावा, यह आयोजन हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत में मकर संक्रांति के महत्व को रेखांकित करेगा.'' सूर्य नमस्कार शरीर और मन के समन्वय के साथ 12 चरणों में किए जाने वाले आठ आसनों का एक समूह है. इसे ज्यादातर प्रात: काल में किया जाता है.