वो कौन सी सोच है जो महिलाओं को मात्र अपनी हवस की पूर्ती का साधन मात्र समझती हैं? आखिर वह कौन सी सोच है जिसके लिए नारी वर्ग की अहमियत सिर्फ और सिर्फ उसकी हवस मिटाने के लिए होती है ?आखिर वो कौन सी सोच है जो अपनी हवस की भूख में इतनी ज्यादा अंधी हो जाती है कि इसके लिए सारी मान-मर्यादाएं तोड़ देती है, अपनी दरिंदगी का शिकार मासूम बच्चियों तक को बना लेती है तथा उनके बचपन को, उनकी अस्मिता को कुचल देती है? सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर ये सोच आती कहाँ से है?
इसीदुराचारी सोच का शिकार उत्तर प्रदेश के बदायूं के बिनावर क्षेत्र के एक गाँव की 8 वर्षीय मासूम हुई है, जिसके साथ अकरम नामक हैवान ने बलात्कार की घटना को अंजाम दिया तथा उसके बचपन को अपनी हवस के पैरों तले कुचल दिया. आरोपी अकरम आठ साल की मासूम को खेत में उठा ले गया तथा रेप किया. परिजनों ने दूसरे दिन बुधवार को मामले की तहरीर पुलिस को दी तो पुलिस ने आरोपी के खिलाफ रेप व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा कायम कर पीड़िता को मेडिकल के लिए भेजा गया है.
मामला बिनावर थाना क्षेत्र के एक गांव का है जहाँ की रहने वाली आठ साल की मासूम किसी काम से खेतिहर इलाके में गई थी. आरोप है कि यहां अकरम नाम का युवक उसे मिला और बहलाकर अपने साथ झाड़ियों में ले गया. यहां उसने मासूम के साथ रेप किया. घर पहुंचकर बच्ची ने परिजनों को पूरा मामला बताया. वहीं बुधवार दोपहर बाद परिवार के लोग तहरीर लेकर थाने पहुंचे। इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने बताया कि मुकदमा लिखा जा चुका है. आरोपी की तलाश की जा रही है.