कमलेश तिवारी की तरह ही प्लान बनाया गया था फ्रांस के शिक्षक का कत्ल करने के लिए.. मासूम बच्चों तक का किया गया दुरुपयोग
फ्रांसीसी शिक्षक सैमुअल पैटी को पहचानने के लिए उन्हीं के स्कूल के बच्चों को कट्टरपंथी हत्यारे ने दिए थे 300 यूरो- फ़्रांसीसी जांच एजेंसियां
धर्म के नाम पर किसी को भी मार देने वाले कट्टरपंथी हत्यारे अब हर जगह फैल चुकें हैं ये कट्टरपंथी किसी कि जान लेने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं इसका सीधा उदाहरण है शिक्षक सैमुअल की कट्टरपंथी हत्यारे द्वारा गला काटकर की गई हत्या। दरअसल फ़्रांसीसी जांच एजेंसियों ने दावा किया है कि टीचर के हत्यारे ने उनकों मारने के लिए उन्हीं के स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का प्रयोग किया है।
दरअसल एजेंसियों ने अपनी जांच में पाया कि कट्टरपंथी हत्यारे 18 वर्षीय अब्दोलाख अंजोरोव ने फ्रांसीसी शिक्षक सैमुअल पैटी को पहचानने के लिए उन्हीं के स्कूल के कुछ बच्चों को 300 यूरो दिए थे. जांच में पता चला कि हत्यारोपी शिक्षक का नाम, स्कूल का नाम और उसका पता जानता था. इसके बावजूद वह शिक्षक को शक्ल से नहीं पहचानता था. यह सिर्फ उसी स्कूल के छात्रों की मदद से संभव था.
इस तरह की घटना को अन्जाम देने के लिए छोटे-छोटे बच्चों को लालच दिया गया ये बात खुद बच्चों ने कबूल की है एक 14 वर्षीय और एक 15 वर्षीय छात्र उन सात लोगों में शामिल हैं जो जांच मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश हुए हैं. इन बच्चों ने टीचर को पहचानने के लिए 300-350 यूरो लिए थे ये बात इन्होंनें मानी है।
अधिकारियों ने हत्यारोपित की पहचान 18 वर्षीय अब्दोलाख अंजोरोव के रूप में की है.साथ ही फ्रांस सरकार इस मुद्दे को लेकर काफी सख्त है सरकार ने शेख यासीन इस्लामी एसोसिएशन को भंग करने का आदेश दिया है. इस एसोसिएशन का संस्थापक अब्देलहाकिम सैफरियोई फ्रांसीसी शिक्षक की हत्या के मामले में संदिग्ध के तौर पर हिरासत में है। प्रधानमंत्री जीन कैस्टेक्स ने मंगलवार को संसद में कहा था कि फ्रांस के भविष्य को खतरे में डालने वालों से निबटने के लिए एक कड़े कानून की जरूरत है.
ये साफ दिखाता है कि कट्टरपंथी हर जगह देश और समाज के लिए खतरा बने हुए हैं भारत का बैंगलूरु फेसबुक विवाद हो या फ्रांस का टीचर विवाद दोनो में ही कट्टरपंथियों ने ही माहोल खराब किया है।
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