भारतीय वायुसेना के उप वायुसेनाध्यक्ष एयर मार्शल एस. पी. धाकर ने 30 अप्रैल 2025 को औपचारिक रूप से सेवानिवृत्ति ग्रहण की। उन्होंने चार दशकों तक राष्ट्र की सेवा करते हुए 40 वर्षों का विशिष्ट सैन्य जीवन पूर्ण किया।
1985 से आरंभ हुआ सैन्य सफर
14 जून 1985 को भारतीय वायुसेना के लड़ाकू पायलट के रूप में सेवा में शामिल हुए एयर मार्शल धाकर ने 3600 घंटे से अधिक उड़ान भरते हुए विभिन्न विमानों पर संचालन किया। वे एक प्रशिक्षित फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर, फाइटर स्ट्राइक लीडर और इंस्ट्रूमेंट रेटिंग इंस्ट्रक्टर व एग्ज़ामिनर भी रहे हैं।
उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA), भारत के रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज तथा अमेरिका के आर्मी वॉर कॉलेज से उच्च सैन्य शिक्षा प्राप्त की। इन प्रतिष्ठित संस्थानों से उनकी रणनीतिक सोच और नेतृत्व क्षमता को विशेष बल मिला।
प्रमुख पदों पर सफल नेतृत्व
अपने करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ निभाईं, जिनमें पूर्वी वायु कमान (EAC) के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ और दक्षिण पश्चिमी वायु कमान में वरिष्ठ वायु स्टाफ अधिकारी का पद शामिल है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने एयर डिफेंस कमांडर, एयर मुख्यालय में असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ (ट्रेनिंग) और देश की रक्षा क्षेत्र में एक नई शुरुआत करते हुए पहले डिफेंस स्पेस एजेंसी के महानिदेशक के रूप में भी कार्य किया।
अलंकरण और सम्मान
अपने अत्यंत उत्कृष्ट और समर्पित सेवा कार्य के लिए एयर मार्शल धाकर को तीन प्रमुख सैन्य अलंकरणों से सम्मानित किया गया:
अति विशिष्ट सेवा मेडल (AVSM) - 2014
परम विशिष्ट सेवा मेडल (PVSM) - 2023
उत्तम युद्ध सेवा मेडल (UYSM) - 2025
सेवा से विदाई
एयर मार्शल एस. पी. धाकर की सेवानिवृत्ति भारतीय वायुसेना के लिए एक गौरवपूर्ण अध्याय का समापन है। उनकी सेवा, समर्पण और नेतृत्व आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेंगे।