5 अगस्त की तारीख हज़ारों हज़ार वर्षों के लिए एक सुनहरी इबारत बनकर इतिहास के पन्नो पर झिलमिलाती रहेगी। क्योंकि इसी 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या की रामजन्मभूमि पर रामलला के विश्व स्तरीय मंदिर का शिलान्यास करने जा रहे हैं। आधारशिला की ईंट भले चांदी की होगी लेकिन इतिहास स्वर्णाक्षरों से लिखा जाएगा। जब तक कि नदियां, पर्वत, सागर और रामकथा इस धरती पर विद्यमान रहेंगी तब तक ये स्वर्णाक्षर इतिहास में अपनी चमक कायम रखेंगे।
जैसे चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य अयोध्या की खोजकर और यहां पर हिन्दू मंदिरों के ढांचे खड़े कर सनातन धर्मावलम्बियों के लिए आज भी श्रद्धा के पात्र हैं, वैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आगामी हज़ारों हज़ार वर्षों तक आदर, सम्मान और श्रद्धा के पात्र बनकर जीते रहेंगे। पिछले 500 वर्षों के ज्ञात इतिहास में तमाम राजाओं, तालुकेदारों, और हिन्दू धर्म योद्धाओं ने राम मंदिर के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों का उत्सर्ग किया फिर भी उन्हें जन्मभूमि पर रामलला के भव्य राम मंदिर के दर्शन नहीं हो सके। ये अवसर दैव योग से नरेंद्र मोदी को प्राप्त हो रहा है। हमारे पीएम तो निःसंदेह सौभाग्यशाली हैं, परंतु हम और आप भी कोई कम सौभाग्यशाली नहीं हैं, जिनके जीवन काल में उनकी आंखें इस दिव्य दृश्य की गवाह बनेगी।
हमारी आपकी कई पूर्ववर्ती पीढियों की आंखें इस दृश्य की कल्पना करते करते हमेशा के लिए बंद हो चुकी हैं। हमारी आंखें न सिर्फ नरेंद्र मोदी द्वारा अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का रजत शिलान्यास देखेंगी बल्कि वो एक भव्य राम मंदिर में विराजित रामलला को भी निहार सकेंगी। मंगल भवन श्री राम एक दिव्य भवन में विराजित होंगे इस एहसास मात्र से सनातन धर्मी पुलकित और आह्लादित हैं। मंगल भवन अमंगल हारी भगवान राम अपने दिव्य भवन में विराजित होकर द्रवित भाव से हम सभी सनातन धर्मावलम्बियों पर अपनी अहेतुकी कृपा बरसाते रहें, इसी आशा और विश्वास के साथ आप सभी को इस शिलान्यास कार्यक्रम की बहुत बहुत अग्रिम बधाई। जय श्रीराम!