21 जून को महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे की हत्या कर दी गई थी। जिसकी जांच का जिम्मा एनआईए को सौंपा था। वहीं अब राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने कोर्ट में बड़ा खुलासा किया है। एजेंसी ने कोर्ट में बताया कि कोल्हे की हत्या के बाद इस्लामिक जिहादियों ने मौत का जश्न मनाने के लिए बिरयानी पार्टी की थी। बता दें एनआईए ने मौलवी मुशफीक अहमद और अब्दुल अरबाज को कस्टडी में रखने की मांग की है जिसे कोर्ट ने मंजूरी दे दी है।
जाँच एजेंसी का कहना है कि इस बिरयानी पार्टी में और इस्लामिक जिहादियों को दावत पर बुलाया था। NIA ने कोर्ट को सूचित करते हुए कहा कि अब हमें यह पता लगाना है कि इस डिनर पार्टी में कौन-कौन लोग शामिल थे।
आपको बता दें कि उमेश कोल्हे हत्याकांड में NIA ने दो और जिहादियों को धर दबोचा है। जिनकी पहचान मौलवी मुशफीक अहमद और अब्दुल अरबाज नाम से हुई है। हालांकि अपनी जान बचाने के लिए जिहादियों की ओर से कोर्ट में वकील अली काशिफ खान देशमुख ने अपनी दलीलें पेश की। लेकिन दोनों पक्षों को सुनने के बाद जज ने फैसला लेते हुए दोनों कट्टरपंथियों को 12 अगस्त तक के लिए NIA की हिरासत में भेज दिया।
NIA द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, बताया गया अहमद ने आरोपितों को लॉजिस्टिकल सपोर्ट दिया था। अरबाज ने उमेश कोल्हे और उनकी दुकान पर नजर रखी थी। इतना ही नहीं जाँच एजेंसी ने कोर्ट को यह भी बताया कि दोनों ने उमेश की हत्या के बाद अपने बाकी जिहादी भाईयों को फरार कर दिया। पता चला है कि मुशफीक ने हत्या के बाद शेख इरफान से फोन पर बात की थी। वहीं, अब्दुल मास्टरमाइंड इरफान के ऑर्गनाइजेशन में ड्राइवर का काम कर रहा था। इरफान एक स्वयंसेवी संगठन चलाता था, जिसका नाम रहबर हेल्पलाइन बताया गया।
गौरतलब है उमेश कोल्हे की हत्या पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादास्पद टिप्पणी को लेकर भाजपा की पूर्व नेता नुपुर शर्मा का समर्थन करने वाला एक पोस्ट साझा करने पर की गई थी। नूपुर शर्मा को समर्थन जिहादियों को नागवार गुजरा। और सिर्फ उमेश कोल्हे ही क्यों जिस-जिस ने नूपुर का समर्थन किया उन सभी को कभी न जागने वाली नींद में सोना पड़ा।
बता दें इस मामले में अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। अरबाज और मुशफीक पहले गिरफ्तार किए गए बाकी इरफान शेख, शोएब खान, मुदस्सिर अहमद, शाहरुख पठान, अब्दुल तौफुक, आतिफ राशिद और यूसुफ खान इस्लामिक भाई हैं। जिन्होंने मिल कर इस घटना को अंजाम दिया।