लगभग पिछले 1 साल से दिल्ली के तमाम बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानो ने आखिरकार अब बॉर्डरों से वापसी कर ली है। ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर उपस्थित आखिरी टुकड़ी भी राकेश टिकैत के साथ आज वापसी कर लेगी, जिसके बाद किसान आंदोलन पूरी तरह से खत्म और दिल्ली से बाहर जाने वाली तमाम सड़के खुल जाएंगी।
पिछले 1 साल से जब भी दिल्ली के लोग किसी भी बॉर्डर पर पहुंचते थे, तब जाम के 'झाम' में फंसकर अपना समय जरूर ही खराब करते थे। लेकिन अब किसानो के घर वापसी के फैसले से इस रास्ते पर आवाजाही करने वाले लोगो को बहुत बड़ी राहत मिली है।
जनवरी में चालू हो सकती है आवाजाही
दरअसल, सरकार के साथ बनी सहमति के बाद किसानो ने भले ही सड़के खाली कर दी हो, लेकिन अभी इन पर वाहन दौड़ने में भी समय लगेगा। नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने कहा है कि दिल्ली और गाजियाबाद को जोड़ने वाला गाजीपुर बॉर्डर और नेशनल हाईवे 44 पर सिंघु बॉर्डर किसानों के आंदोलन की वजह से पिछले करीब एक साल से बंद थे और इन्हें फिर से चालू करने में कुछ और दिन लगेंगे, ये जनवरी में ही फिर से ट्रैफिक के लिए खोले जा सकेंगे.
फ्लाईओवर में कई जगहें पड़ गई हैं दरारें
वहीं, एनएच 24 पर जहां-जहां किसान बैठे हुए हैं, उन साल भर से ज्यादा वक्त से जायज़ा नहीं लिया गया है. इसके अलावा ये भी कि फ्लाईओवर में कई जगहें दरारें पड़ गई हैं, जिन्हें ठीक किया जाना फिलहाल बाकी है.
अब किसानों के इन इलाकों को खाली कर देने के बाद पुलिस उन्हें अपने अपने कंट्रोल में ले लेगी और फिर उनके सही करने का काम शुरू कर दिया जाएगा. फिर रास्तों के पूरी तरह से ठीक होने के बाद ही गाड़ियों के आने-जाने पर हरी झंडी दिखाई जाएगी. . अंदाजन, अभी कम से कम 15-20 दिन बाद ही सड़क खुल पाएगी. जब सभी खामियां पूरी हो जाएंगी, तब जनता के लिए इसे खोल दिया जाएगा.
अधिकारी जांच के बाद करेंगे नुकसानो की गिनती
एनएचएआई के अधिकारियों ने कहा कि एनएच-24, एनएच-9 और एनएच-44 पर दोनों तरफ के हिस्सों के जायज़ा का काम आज से शुरू होगा. दरअसल किसानों ने कहा था कि 15 दिसंबर को ही हाईवे के दोनों तरफ के हिस्सों को पूरी तरह से खाली कर दिया जाएगा. अधिकारियों के मुताबिक इसके बाद दोनों तरफ के हिस्सों को पूरी तरह साफ करने में 2 हफ्तों का समय लगेगा.