सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को सहयोग करे

Donation

Lucknow: देश का पहला नौसेना शौर्य संग्रहालय...CM योगी ने किया भूमि पूजन, कहा- 2000 वर्ष पहले भी यूपी का संबंध जलमार्ग से था

भारत का पहला नौसेना शौर्य संग्रहालय उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ में बनने जा रहा है।

Sonam gurung
  • Oct 21 2023 7:42PM

भारत का पहला नौसेना शौर्य संग्रहालय उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ में बनने जा रहा है। जिसका आज यानी शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूमिपूजन कर शौर्य संग्रहालय की आधारशिला रखी।

नौसेना शौर्य संग्रहालय का सीएम योगी ने किया शिलान्यास

आपको बता दें कि 23 करोड़ की लागत से बनने वाले इस नौसेना शौर्य संग्रहालय के निर्माण से पर्यटन के क्षेत्र में नई विविधिता स्थापित होगी। इससे पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा। जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस संग्रहालय में नौसेना के युद्धपोत, मिसाइल, कैनन आदि उपकरण रखे जायेंगे। यह वह उपकरण होंगे, जिसका नौसेना अब इस्तेमाल नहीं करती है। बताया जा रहा है कि यह संग्रहालय होगा, जहां पर नौसेना के उपकरण रखे जायेंगे।

इस कार्यक्रम में सीएम के साथ मंत्री जयवीर सिंह, विधायक राजेश्वर सिंह, मुख्य सचिव डीएस मिश्रा और नौसेना के अफसर मौजूद रहे।

2000 वर्ष पहले भी यूपी का संबंध जलमार्ग से था: सीएम योगी

इस कार्यक्रम में सीएम योगी ने संबोधित करते हुए कहा की आज यहां नौसेना शौर्य संग्रहालय की नींव रखी जा रही है। इसके लिए वाइस एडमिरल को हृदय से धन्यवाद। आज पुलिस स्मृति दिवस भी है, देश की सुरक्षा के लिए 64 वर्ष पूर्व लद्दाख मे सीआरपीएफ के जवानों ने सहादत दी थी। आज हमारे लिए गौरव का क्षण है क्योंकि 34 वर्ष तक देश सेवा करने वाले आईएनएस गोमती को जब डी कमीशन किया गया तो वो यहाँ शौर्य संग्रहालय के रूप मे स्थापित किया जा रहा है। यह देश का पहला नौसेना संग्रहालय होगा, इससे हमारी युवा पीढ़ी को सेना के शौर्य को जानने का अवसर मिलेगा। अपनी विरासत अतीत को विस्मृत करके कोई समाज आगे नही बढ़ सकता। अतीत पथ प्रदर्शक होता है, उत्तरप्रदेश 2014 के पहले लैंड लॉकड स्टेट था। कोई भी वस्तु जलमार्ग से बाहर नहीं जा सकती थी।

सीएम ने कहा कि 2014 के पहले यूपी लैंडलॉक स्टेट था। लोग कहते थे कि जलमार्ग से कोई वस्तु यूपी से बाहर नहीं जा सकती पर इसमें सच्चाई नहीं थी। 40-50 वर्ष पहले गांवों में सुनते थे कि नौकाओं से जल परिवहन होता था। जब सड़कों का संजाल नहीं था, ट्रेन का प्रभावी आवागमन नहीं था, तब एक स्थान से दूसरे स्थान तक परिवहन व वस्तु ले जाने का माध्यम नदी- जलमार्ग ही बनता था। यूपी में पर्याप्त जल संसाधन हैं। इन नदियों के माध्यमों व क्षमता को देखते हुए यूपी अपने यहां स्टेट वाटरवे अथॉरिटी के गठन की कार्रवाई को बढ़ा रहा है।

सीएम ने कहा कि यूपी से बड़ी एक गाथा है। साउथ कोरिया अपनी तकनीक के लिए जाना जाता है। वहां के राजवंश का मानना है कि उनकी दादी मां अयोध्या की राजकुमारी थीं। उनकी स्मृति में अयोध्या में स्मारक बन चुका है। उन्हें अयोध्या में राजकुमारी रत्ना व साउथ कोरिया में क्वीन हो के रूप में स्मरण किया जाता है। उनके प्रति श्रद्धा का भाव है। 2000 वर्ष पहले राजकुमारी रत्ना जलमार्ग से अयोध्या से साउथ कोरिया पहुंची थीं, यानी तब भी यूपी का संबंध जलमार्ग से यहां पर सातवाहन, चोल, बुद्ध राजवंशों की चर्चा हुई पर हम द्वारिकाधीश को भूल जाते हैं। द्वारिका समुद्र के अंदर थी। उस समय परिवहन का सबसे बड़ा माध्यम जलमार्ग नौकाओं का बेड़ा था। जिसके माध्यम से उन्होंने द्वारिका को सबसे समृद्ध नगरी के रूप में स्थापित कर दिया था। भगवान श्रीकृष्ण ने 5000 वर्ष पहले द्वारिका में यह कार्य करके दिखाया था। समुद्र में कार्य करने का भारत का बहुत पुराना अनुभव है। भगवान राम ने लंका में जाने के लिए सेतु का निर्माण किया था।

सहयोग करें

हम देशहित के मुद्दों को आप लोगों के सामने मजबूती से रखते हैं। जिसके कारण विरोधी और देश द्रोही ताकत हमें और हमारे संस्थान को आर्थिक हानी पहुँचाने में लगे रहते हैं। देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग करें।
Pay

ताज़ा खबरों की अपडेट अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करे सुदर्शन न्यूज़ का मोबाइल एप्प

Comments

संबंधि‍त ख़बरें

ताजा समाचार