ब्रिटेन
में खालिस्तानी आतंकियों की एक बार फिर करतूत की ख़बर सामने आई है। बता दें कि
लंदन में बीते सोमवार यानि 2 अक्टूबर को भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तानियों ने
प्रदर्शन किया। इस दौरान भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे पर गोमूत्र डाला गया। इसका
एक वीडियो सामने भी आया है।
खालिस्तानी एक बार फिर भारतीय उच्चायोग के बाहर इकट्ठा हुए
पिछले
महीने से ही खालिस्तान चर्चा में है। जहां लगातार खालिस्तानी आतंकियों उत्पात मचा
रहे है। लेकिन इस बार भी इन्होंने कुछ ऐसा किया जिससे आपका खून खौल जाएगा। दरअसल, 2
अक्टूबर के दिन खालिस्तानियों ने भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया।
यह
प्रदर्शन परमजीत सिंह पम्मा के नेतृत्व में हो रहा था और दल खालसा यूके के सिख
शामिल हुए थे। इसी संगठन के मुखिया गुरुचरण सिंह ने भारत के राष्ट्रीय ध्वज
तिरंगे पर गोमूत्र फेंक दिया। उन्होंने इसके साथ ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि
सुनक से भी यही गोमूत्र पीने के लिए कहा। प्रदर्शन के दौरान पम्मान ने भारत को
चुनौती दी और निज्जर की हत्या का बदला लेने के लिए धमकाया भी। लेकिन इसी समय एक
भारतीय युवक ने तिरंगे को उठाया और उसकी लाज बचा ली।
प्रदर्शनकारियों ने भारत विरोधी तख्तियां लहराईं और नारे लगाए
वीडियो
में देखने को मिला कि एक खालिस्तानी कह रहा है कि वो लोग भारतीय उच्चायोग के लिए
गिफ्ट के तौर पर गोमूत्र लेकर आए हैं। उसने उच्चायोग के अधिकारियों से कहा कि वे
बाहर आएँ और यह गिफ्ट लें। वहीं एक अन्य खालिस्तानी ने कहा कि भारत वाले गाँधी
जयंती मना रहे हैं। वे गोमूत्र पीकर जश्न मना सकते हैं।
एक
अन्य खालिस्तानी ने कहा कि वह पहले भी पीएम मोदी को गोमूत्र देने आ चुका है। उसने
आगे कहा कि चंद्रमा पर जो चंद्रयान गया था, वह भी इसलिए बंद हो
गया क्योंकि भारतीय गोमूत्र जैसी चीजों का उपयोग करते हैं। इसके बाद खालिस्तानी
गुरुचरण सिंह भारतीय उच्चायोग की दीवार के पास तिरंगा रखकर उस पर गोमूत्र डालते
दिखाई दे रहा है।
इस
दौरान एक खालिस्तानी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को गोमूत्र पीने के लिए कह
रहा है। वहीं मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पम्मा भारत को धमकी देता
नजर आ रहा है। दिखाई दिया।
जानकारी
के मुताबिक दल खालसा, गुरपतवंत सिंह पन्नू
के संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से ही जुड़ा संगठन है। पम्मा खालिस्तान टाइगर
फोर्स का हिस्सा है और वह भी एनआईए की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल है।
नन
लंदन
में यह मामला तब हुआ जब हाल ही में स्कॉटलैंड के ग्लासगो में भारतीय को गुरुद्वारे
के अंदर जाने से रोका गया था और इस साल मार्च में भी भारतीय दूतावास पर इसी तरह से
खालिस्तानियों ने प्रदर्शन किया था।