10 जून 2022 को यूपी के प्रयागराज में जुमे की नमाज़ के बाद इस्लामिक कट्टरपंथियों ने
उत्पात मचाया था। जिनमे कुल 95 नामजद और 5400 अज्ञात उपद्रवियों पर केस दर्ज हुआ है। इन नामजदों में 31 आरोपित अभी भी फरार चल रहे हैं। बता दें कि प्रयागराज हिंसा में शामिल अब
तक 103 आरोपित जेल भेजे जा चुके हैं जिसमें कुछ नामजद और कुछ
CCTV व अन्य फुटेज से चिन्हित किए गए हैं। फरार मोहम्मद सगीर
अब पुलिस की गिरफ्त में है। पुलिस ने पूछताछ के दौरान उससे सच बुलवा ही दिया है।
पूछताछ में सगीर ने बताया की उसने ही वहां
के लोगों को हिंसा करने के लिए उकसाया था।
आपको बता दें कि पुलिस की पूछताछ
में सगीर ने आगे बताया कि घटना के दिन वो अटाला की मस्जिद में नमाज़ पढ़ने गया था।
तभी वहाँ उसे प्रदर्शन के लिए उकसाया गया। इसी के बाद वो अन्य उपद्रवियों के साथ
हिंसा में शामिल हो गया। बाद में पुलिस का दबाव बनते ही वो छिप गया था। पूछताछ में
सगीर ने अन्य उपद्रवियों के नाम भी बताए है जिनकी पुलिस तलाश कर रही है। DSP ने बताया कि गिरफ्तार सगीर अटाला मोहल्ले का ही रहने वाला है। पुलिस अटाला मस्जिद के
मुतवल्ली हाफिज, पार्षद फ़ज़ल खान और AIMIM के जिलाध्यक्ष शाह आलम की भी तलाश कर रही है। इन सभी पर मस्जिद में मौजूद
लोगों को हिंसा के लिए भड़काने का आरोप है। इन सभी के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी
जारी है। बता दें कि बुधवार 22 जून 2022 को सगीर
को जेल भेज दिया गया है। वहीं यूपी पुलिस अभी भी फरार चल रहे 31 अन्य उपद्रवियों की तलाश कर रही है।
जानकारी के लिए बता दें कि, गिरफ्तार मोहम्मद सगीर का नाम डियर भी
है। वह ई रिक्शा चलाता है और साथ में मांस भी सप्लाई करता है। हिंसा के बाद वो
करेली में ही छिपा रहा और मौका देख कर अपने एक रिश्तेदार के घर भाग गया था। वो
माहौल शांत होने की प्रतीक्षा कर रहा था। हालात सामान्य होते ही वो वापस लौट आया
लेकिन खुल्दाबाद थाने की पुलिस ने उसे दबोच लिया।