केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में आज यानी बुधवार को भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार, नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (ATTF) के प्रतिनिधियों ने त्रिपुरा शांति समझौते के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते के बाद NLFT ने कहा कि हमने सरकार पर भरोसा किया है.
बता दें कि राज्य में स्थायी शांति लाने का बड़ा प्रयास सफल हुआ है. केंद्रीय मंत्री अमित शाह, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा और त्रिपुरा के दो उग्रवादी संगठनों के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए. इसका मकसद राज्य में स्थायी शांति लाना और विकास की नई इबारत लिखना है. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि इस समझौते से इन दोनों संगठनों के 328 लोग मुख्यधारा में आएंगे. उन्होंने इस इलाके के लिए 250 करोड़ रुपये के पैकेज की भी कही. साथ कहा कि समझौते का फुल स्टॉप से कॉमा तक पालन होगा. आज हम सबके लिए आनंद का विषय है.
भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार, NLFT और ATTF के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "आज हम सभी के लिए खुशी की बात है कि 35 वर्षों से चल रहे संघर्ष के बाद आप हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं और संपूर्ण त्रिपुरा के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है. पीएम मोदी जब से देश के प्रधानमंत्री बने हैं तब से उन्होंने शांति और संवाद के जरिए सक्षम और विकसित पूर्वोत्तर का विजन देश के सामने रखा है. पूर्वोत्तर के लोगों और दिल्ली के बीच काफी दूरी थी. उन्होंने न केवल सड़क, रेल और हवाई संपर्क के माध्यम से इस दूरी को मिटाया बल्कि लोगों के दिलों के बीच की दूरियों को भी मिटाया.”