जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए बर्बर आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, के 15 दिन बाद भारत ने कड़ा जवाब दिया है। भारतीय वायुसेना ने 6 मई की रात पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ से अधिक आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। इस साहसी कार्रवाई को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया गया है।
हमले के बाद पाकिस्तान की ओर से रोने और झूठे प्रचार का दौर शुरू हुआ। लेकिन भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी भ्रम साफ हो गए। विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ सेना की दो महिला अधिकारी—कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह—ने ऑपरेशन की बारीकियों को जनता के सामने रखा।
व्योमिका सिंह
भारतीय वायुसेना की अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह 2004 में फोर्स में शामिल हुईं। चेतक और चीता जैसे लड़ाकू हेलिकॉप्टर उड़ाने का उनका अनुभव उन्हें विशिष्ट बनाता है। उन्होंने खुद कहा कि उनके नाम का अर्थ ही उन्हें वायुसेना की ओर ले गया—"जो आसमान को मुट्ठी में रखे।"
कर्नल सोफिया कुरैशी
प्रेस कांफ्रेंस में आत्मविश्वास से लबरेज कर्नल सोफिया ने हिंदी में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों और भारत की सटीक कार्रवाई की जानकारी दी। वह पहली भारतीय महिला अधिकारी हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में सेना की अगुवाई की है।
ऑपरेशन सिंदूर का विवरण
6 मई की रात 1:05 बजे से लेकर करीब 25 मिनट तक भारतीय सेना का यह ऑपरेशन चला। लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय, जैश-ए-मोहम्मद के लॉन्चिंग पैड सहित नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया। रक्षा और विदेश मंत्रालय की संयुक्त ब्रीफिंग में बताया गया कि यह कार्रवाई बिना किसी उकसावे के की गई और केवल आतंकियों के ठिकानों को ही लक्ष्य बनाया गया।