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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जापान के रक्षा मंत्री जेन नाकातानी के बीच द्विपक्षीय बैठक, जापान ने दिया भारत को समर्थन

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर में जापान के रक्षा मंत्री जेन नाकातानी के साथ द्विपक्षीय बैठक की।

Deepika Gupta
  • May 6 2025 9:30AM

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर में जापान के रक्षा मंत्री जेन नाकातानी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने सभी प्रकार के आतंकवाद की निंदा की और इस संबंध में वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान की सीमा पार आतंकवाद की राज्य नीति की कड़ी आलोचना की, जो राज्य और गैर-राज्य तत्वों के माध्यम से संचालित होती है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के हमले क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को अस्थिर करते हैं। राजनाथ सिंह ने आतंकवाद और उसे बढ़ावा देने वाली राज्य प्रायोजित गतिविधियों के खिलाफ एकजुट रुख अपनाने का आह्वान किया।

जापान के रक्षा मंत्री ने 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दुखद आतंकवादी हमले पर शोक व्यक्त किया और भारत को पूर्ण समर्थन देने की पेशकश की। दोनों मंत्रियों ने भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के तहत रक्षा और सुरक्षा स्तंभों की समीक्षा की। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय शांति में योगदान देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। 

दोनों नेताओं ने रक्षा अभ्यासों और आदान-प्रदान की बढ़ती विविधता और आवृत्ति का स्वागत किया, और इन गतिविधियों के दायरे और जटिलता को बढ़ाने पर सहमति जताई। दोनों पक्षों ने भारत और जापान के बीच मजबूत समुद्री सहयोग में नए आयाम जोड़ने पर भी सहमति व्यक्त की।

राजनाथ सिंह ने भारतीय रक्षा उद्योग की क्षमताओं को रेखांकित करते हुए विशेष रूप से जापान के साथ टैंक इंजन और एयरो इंजन जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग की संभावना का उल्लेख किया। उन्होंने मरम्मत, रखरखाव और ओवरहॉल (MRO) क्षमताओं को भी उजागर किया। दोनों पक्षों ने स्वचालन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं का पता लगाने सहित उद्योग सहयोग को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। मंत्रियों ने साइबर और अंतरिक्ष जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने का निर्णय भी लिया।

भारत और जापान के बीच दीर्घकालिक मित्रता है, जिसे 2014 में विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के स्तर पर पहुंचाए जाने के बाद और अधिक मजबूती मिली है। संवाद का समापन दोनों पक्षों की इस दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ हुआ कि वे आपसी रक्षा सहयोग को और सशक्त बनाएंगे।

इससे पूर्व, जापान के रक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय समर स्मारक (National War Memorial) पर पुष्पांजलि अर्पित कर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मानेकशॉ सेंटर में संवाद से पहले उन्हें त्रि-सेना गार्ड ऑफ ऑनर के साथ औपचारिक स्वागत भी दिया गया।

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