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आतंकी हमले में 12 की हत्या के बाद गया जेल... बाहर आकर की हिंदू नेता की हत्या... गांव को बना दिया इस्लामिक गांव

NIA ने कर्नाटक और महाराष्ट्र में 44 स्थानों पर मारे गए छापों के सिलसिले में 15 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है

Sumant Kashyap
  • Dec 11 2023 10:31AM

देश के कई राज्यों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के साजिश को नाकम करते हुए  44 स्थानों पर छापामारी की है. इस छापे के दौरान 15 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि  गिरफ्तार किए गए ISIS आतंकवादियों ने ग्रामीण ठाणे के पडघा गांव को 'अल-शाम' के रूप में स्वयं घोषित किया था, जो सीरिया में इस्लामी 'मुक्त क्षेत्र' के रूप में माना जाता है. 

जानकारी के लिए बता दें कि NIA के द्वारा गिरफ्तार किए गए 15 आतंकवादियों में से एक साकिब नाचन भी शामिल है, जो एक कट्टरपंथी इस्लामवादी है, जिसका देश के कई आतंकी मामलों में नाम शामिल है. बता दें कि साकिब नाच को 2002 में मुंबई के विले पार्ले, मुंबई सेंट्रल और मुलुंड स्टेशन पर हुए बम विस्फोट में दोषी ठहराया गया था, जिसके परिणामस्वरूप दर्जनों मौतें हुई थीं.  

दरअसल, साकिब नाचन प्रतिबंधित आतंकी संगठन 'स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया' (SIMI) का पूर्व सचिव था, यही संगठन SIMI भारत में प्रतिबंध किए जाने के बाद ख़ुफ़िया एजेंसियों की आंखों में धुल झोंकने के लिए 'इंडियन मुजाहिदीन' के नाम से चलने लगा. यानी, सदस्य और आतंकी साजिशें वही रहीं और केवल नाम बदल गया.

बता दें कि साकिब नाचन बीकॉम स्नातक था और आतंकवाद की दुनिया में शामिल होने से पहले भूमि विकास का व्यवसाय चलाता था. वहीं, जिला परिषद प्रमुख और सामाजिक कार्यकर्ता के बेटे, साकिब नाचन के पास ठाणे जिले के पडगाह, बोरीवली गांव और उसके आसपास पैतृक भूमि का विशाल हिस्सा था.

वहीं, चार महीने में मुंबई में कई आतंकी धमाकों में शामिल होने के बाद साकिब नाचन का नाम काफी तेजी से देश में फैला था. बता दें कि दिसंबर 2002 में मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर एक विस्फोट का आरोप लगाया गया था. जिसमें 25 लोग घायल गो गए थे. वहीं, बताया जा रहा है ति एक महीने बाद उस पर एक और बम विस्फोट का आरोप लगा था. इस घटना में 1 की मौत हो गई और 25 अन्य लोग घायल  हो गए. 

वहीं, 2003 मार्च में साकिब नाचन का नाम मुलुंड स्टेशन पर एक बम विस्फोट में नामित किया गया था, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी साथ ही 82 लोग घायल हुए थे. इसके थोड़े दिन बाद अप्रेल 2003 में मुंबई पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और 7 साल से ज्यादा समय तक जेल में रखा. साल 2011 में वह अपने रसूख और कानूनी खामियों का फायदा उठाकर जमानत हासिल करने में सफल रहा लेकिन कुछ महीनों के बाद विश्व हिंदू परिषद् के कार्यकर्ता और वकील मनोज रायचा की हत्या की कोशिश के मामले में उसे फिर गिरफ्तार कर लिया गया. 

मार्च 2016 में साकिब नाचन को आतंकवाद विरोधी कानून के तहत हथियार रखने के लिए दोषी ठहराया गया और 10 साल जेल की सजा सुनाई गई. बता दें कि साकिब नाचन को एक दोषी के रूप में एक साल और 8 महीने जेल में रहना पर साथ ही शेष सजा विचाराधीन कैदी के रूप में नवंबर 2017 में रिहा हो गए. वहीं, साकिब नाचन की तीसरी बार गिरफ्तारी से संकेत मिलता है कि जेल में बिताए एक दशक ने उसकी आतंकी गतिविधि को रोकने और उससे देश के कानून का डर पैदा करने के लिए कुछ नहीं किया था. 

जानकारी के लिए बता दें कि इसी साल अगस्त में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने  ISIS आतंकी मॉड्यूल के सिलसिले में साकिब नाचन के बेटे को भी गिरफ्तार किया था, जिसका जुलाई 2023 में पुणे में पुलिस ने भंडाफोड़ किया था. बता दें कि ठाणे के पडघा का रहने वाला साकिब नाचन अन्य गिरफ्तार आरोपियों के संपर्क में था. वहीं,  NIA ने तब कहा था कि जुल्फिकार अली बड़ौदावाला, मोहम्मद इमरान खान, मोहम्मद यूनुस साकी, सिमाब नसीरुद्दीन काजी और अब्दुल कादिर पठान अन्य संदिग्धों के साथ हैं.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस्लामिक स्टेट (ISIS) के 15 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने ठाणे के एक गांव को सीरिया की तरह 'अल-शाम' यानी इस्लाम के लिए 'मुक्त क्षेत्र' घोषित कर दिया था, जिसके बाद देशभर से और देश के बाहर से भी कट्टरपंथी वहां आकर खुलेआम रह सकते थे और अपनी साजिशें रच सकते थे. एक तरह से ये अल-शाम (वास्तविक नाम पडघा) गांव इस्लामी आतंकियों का गढ़ बन गया था. 

 बता दें कि बीते 9 दिसंबर को NIA ने बताया कि उसने महाराष्ट्र और कर्नाटक में 44 स्थानों पर छापेमारी की जिसमें उन्होंने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट महाराष्ट्र मॉड्यूल के 15 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया. NIA की प्रारंभिक जांच के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों ने ग्रामीण ठाणे के पडघा गांव को 'मुक्त क्षेत्र' और 'अल-शाम' के रूप में स्वयं घोषित किया था. ऐसा प्रतीत होता है कि सीरिया के क्षेत्रों को ऐसे संकेतन के साथ संदर्भित किया जाता है. NIA ने अपनी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में खुलासा किया कि वे पद्घा आधार को मजबूत करने के लिए प्रभावशाली मुस्लिम युवाओं को उनके निवास स्थान से पद्घा में स्थानांतरित होने के लिए प्रेरित कर रहे थे.


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