हिमंत सरकार में असमिया मुसलमानों का सर्वे को मंजूरी मिल गई है. बताया जा रहा है की असम कैबिनेट ने 8 जनवरी यानी शुक्रवार को राज्य की मूल मुस्लिम आबादी के सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण को मंजूरी मिलने के बाद मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू कि जाएगी. हिमंत सरकार असमिया मुसलमानों का सर्वे कराएगी. इस प्रक्रिया में असम के पाँच स्वदेशी मुस्लिम समुदायों- गोरिया, मोरिया, देशी, सैयद, जोल्हा शामिल है.
जानकारी के मुताबिक, इस फैसले से पहले जनता भवन में कैबिनेट बैठक आयोजित कि गई थी, जिसके बाद कैबिनेट मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने बताया कि कैबिनेट ने चार क्षेत्र विकास निदेशालय, असम का नाम बदलकर अल्पसंख्यक मामले और चार क्षेत्र, असम निदेशालय करने का फैसला किया है. इस फैसले के पीछे का कारण है कि मूल जनजातीय अल्पसंख्यकों का व्यापक सामाजिक-राजनीतिक और शैक्षणिक उत्थान किया जाए.
शुक्रवार को मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में मूल असमिया मुसलमानों का सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन करने का फैसला लिया गया. शर्मा ने अपने‘एक्स’एकांउट पर लिखा कि अल्पसंख्यक मामले एवं कछार क्षेत्र निदेशालय के माध्यम से मूल असमिया मुसलमानों का सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन किया जाएगा. मंत्रिमंडल की बैठक में छार क्षेत्र विकास निदेशालय का नाम बदलकर अल्पसंख्यक मामले एवं छार क्षेत्र, असम करने का फैसला लिया गया.
इसके अलावा कैबिनेट ने माघ बिहू के दौरान आयोजित होने वाली पारंपरिक भैंसे और सांडों की लड़ाई की अनुमति देने के लिए विस्तृत प्रक्रिया/मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी करने को भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी.