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अरुणांचल में भारतीय सेना के जवानो ने दुश्मनों को खदेड़ा...

चीनी सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में घुसपैठ कर भारतीय सीमा पर बने खाली बंकरों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी. कमांडर स्तर की बातचीत के बाद ये मसला सुलझ गया.

Kartikey Hastinapuri
  • Oct 8 2021 10:14AM

भारत और चीन के सैनिकों के बीच आमना-सामना हुआ है. लद्दाख में पिछले साल हुए संघर्ष के बाद से LAC पर तनाव को कम करने की कोशिशें लगातार जारी हैं, वहीं अरुणाचल में ये फेसऑफ हुआ है. सूत्रों के मुताबिक दोनों सेनाओं के बीच LAC की धारणा में अंतर है. दोनों पक्षों के बीच इस फेसऑफ के बाद बातचीत कुछ घंटों तक चली. बाद में मौजूदा प्रोटोकॉल के आधार पर बातचीत के जरिए इस तनातनी को सुलझा लिया गया.

जानकारी के मुताबिक चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा घुसने की कोशिश की. वहीं तवांग में घुसपैठ कर भारतीय सीमा पर बने खाली बंकरों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी. सूत्रों का कहना है कि चीन के लगभग 200 सैनिक भारतीय सीमा के अंदर घुसे थे, जिसे भारतीय सैनिकों ने खदेड़ दिया. ये घटना पिछले सप्ताह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब बुम ला और यांग्त्से के सीमा दर्रे के बीच हुई थी. हालांकि अभी तक घटना आधिकारियों तौर पर पुष्टि नहीं हुई है.

लोकल कमांडरों ने संभाला मोर्चा

अरुणाचल सेक्टर में औपचारिक रूप से दोनों देशों की सीमाओं को सीमांकित नहीं किया गया है। इसलिए एलएसी को लेकर दोनों देशों की सेनाओं की अपनी-अपनी धारणाएं हैं, लेकिन पिछले पेट्रोलिंग के दौरान चीनी सैनिक भारत की सीमा के बेहद करीब तक आ गए, जिससे तनाव बढ़ गया।  इसके बाद दोनों देशों के लोकल कमांडरों ने मोर्चा संभाला और आपसी बातचीत के बाद मौजूदा प्रोटोकॉल के तहत सेनाएं पीछे हट गईं। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस तनातनी में किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है.

भारतीय सैनिकों ने 200 चीनी सैनिकों को रोका

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एलएसी पर 200 चीनी सैनिक भारत की सीमा के काफी पास तक आ गए। इसके बाद तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। भारतीय सैनिकों ने इसका विरोध शुरू किया और 200 चीनी सैनिकों को वहीं रोककर खदेड़ दिया। 

चीन की इस हरकत के बाद से है तनाव

पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख में पिछले साल 5 मई को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच सीमा गतिरोध शुरू हो गया था. दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी हथियारों के साथ अपनी तैनाती बढ़ा दी. सैन्य और राजनयिक वार्ता की एक सीरीज के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने पिछले महीने गोगरा क्षेत्र में डिसएंगेजमेंट प्रोसेस (Disengagement Process) को पूरा किया. फरवरी में, दोनों पक्षों ने डिसएंगेजमेंट पर एक समझौते के अनुरूप पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से सैनिकों और हथियारों की वापसी पूरी की. वर्तमान में संवेदनशील क्षेत्र में LAC पर दोनों पक्षों के लगभग 50 से 60 हजार सैनिक हैं.

 

 

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