मोहिनी एकादशी हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस वर्ष मोहिनी एकादशी 8 मई 2025, गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा होती है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत विशेष रूप से पुण्य, स्वास्थ्य और शांति के लिए किया जाता है।
व्रत और पूजा विधि
प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध करें।
पीले पुष्प, तुलसी दल, धूप, दीप और फल अर्पित करें।
विष्णु सहस्त्रनाम या "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें।
दिनभर उपवास रखें — फलाहार किया जा सकता है।
रात्रि को भगवान की कथा सुनें और जागरण करें।
द्वादशी के दिन ब्राह्मण या जरूरतमंद को अन्न, वस्त्र और दक्षिणा देकर व्रत का पारण करें।
व्रत के लाभ
मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति
पापों का क्षय और पुण्य में वृद्धि
पारिवारिक सुख, रोगों से मुक्ति और वैवाहिक जीवन में मधुरता
मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है
विशेष ध्यान दें
इस दिन तामसिक भोजन (प्याज, लहसुन, मांस आदि) से पूर्णतः परहेज करें।
तुलसी पत्र का उपयोग अवश्य करें — यह भगवान विष्णु को अतिप्रिय है।
मोहिनी एकादशी का पौराणिक महत्व
पुराणों के अनुसार, समुद्र मंथन के समय जब असुर अमृत छीनने लगे थे, तब भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर देवताओं को अमृत प्रदान किया। इसी दिन को "मोहिनी एकादशी" के रूप में पूजा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से विकार, मोह और पाप से मुक्ति के लिए किया जाता है।