सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को सहयोग करे

Donation

इस्लामिक आतंकी संगठन PFI पर NIA का प्रहार... बिहार में 25 जगहों पर छापेमारी

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण(NIA) ने बुधवार को बिहार के फुलवारी शरीफ में प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पीएफआई के एक संग्दिध मॉडयूल के खिलाफ अपनी जांच के तहत देशभर में 25 जगहों पर छापेमारी की.

Kapil Pal
  • May 31 2023 4:48PM

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण(NIA) ने बुधवार को बिहार के फुलवारी शरीफ में प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पीएफआई के एक संग्दिध मॉडयूल के खिलाफ अपनी जांच के तहत देशभर में 25 जगहों पर छापेमारी की. बिहार, केरल और कर्नाटक में पीएफआई के जमीनी कार्यकर्ताओं के यहां छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है.

पीएफआई से जुड़े केस में कर्नाटक में 16 जगहों पर छापेमारी जारी है, जिसमें दक्षिण कन्नड़ के कुछ जिले शामिल है. वहीं , बिहार के कटिहार में हसनगंज थाना क्षेत्र के युसूफ टोला में पीएफआई नेता मोहम्मद नदवी के रिश्तेदार के यहां एनआईए की टीम पहुंची है. इससे पहले भी हाल के दिनों में एनआईए टीम छापेमारी कर चुकी है.

हाल ही में, इस केस को लेकर 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और तलाशी के दौरान इनके पास पीएफआई से संबंधित कई आपत्तिजनक लेख और दस्तावेज जब्त किए गए थे. यह मामला पिछले साल 12 जुलाई को बिहार में पटना जिले के फुलवारीशरीफ पुलिस स्टेशन में दर्ज किया था और पिछले साल 22 जुलाई को एनआईए द्वारा फिर से इस केस पर पंजीकृत किया गया था.

अभी तक की एनआईए तफ्तीश के अनुसार फुलवारी शरीफ मामला पीएफआई से जुड़े आरोपियों, संदिग्ध व्यक्तियों की गैरकानूनी व देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता से जुड़ा है, जो पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में इकट्ठा हुए थे.

इस साल 4- 5 फरवरी को, एनआईए ने बिहार के मोतिहारी में आठ स्थानों पर भी तलाशी ली थी और दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने हत्या को अंजाम देने के लिए हथियार और गोला-बारूद की व्यवस्था की थी.

गिरफ्तार लोगों की पहचान तनवीर रजा उर्फ बरकती और मोहम्मद आबिद उर्फ आर्यन के रूप में हुई. एनआईए ने तब कहा था कि एक लक्ष्य को अंजाम देने के लिए पहले ही रेकी की जा चुकी थी और हथियार एवं गोला-बारूद पीएफआई ट्रेनर याकूब को सौंप दिए गए थे,  जो पीएफआई कैडरों के लिए ट्रेनिंग सेशन चला रहे थे.  

एजेंसी ने बयान में कहा था कि कुछ दिन पहले पीएफआई के ट्रेनर याकूब ने एक भड़काऊ वीडियो फेसबुक पर पोस्ट किया था, जिसका उद्देश्य शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ना था. एनआईए ने कहा था, ‘फेसबुक के अन्य यूजर्स ने इस पोस्ट पर टिप्पणी की थी और इसे अपमानजनक रूप से ट्रोल किया था.

फरार आरोपी याकूब और दो गिरफ्तार आरोपियों ने उनमें से कुछ की पहचान की थी और उनकी हत्या को अंजाम देने की साजिश रची थी.

गिरफ्तारियों के साथ ही एनआईए ने कहा था कि एक पीएफआई मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है, जो सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने के लिए साजिश रच रहा था. गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सितंबर 2022 में एक अधिसूचना के माध्यम से आतंकवादी समूहों और विध्वंसक गतिविधियों से जुड़े होने के कारण पीएफआई और उसके सहयोगियों पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था.

केंद्र ने अधिसूचना में कहा था कि प्रतिबंध की सिफारिश उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात की राज्य सरकारों ने की थी.

प्रतिबंध के कारणों की व्याख्या करते हुए, गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया था कि पीएफआई और उसके सहयोगी देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए हानिकारक गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे हैं.

एनआईए ने पिछले साल देश के विभिन्न हिस्सों से पीएफआई से जुड़े करीब 350 लोगों को गिरफ्तार किया था. केंद्रीय जांच एजेंसियों को संगठन के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले, जिसके आधार पर संगठन पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया.

 

 

सहयोग करें

हम देशहित के मुद्दों को आप लोगों के सामने मजबूती से रखते हैं। जिसके कारण विरोधी और देश द्रोही ताकत हमें और हमारे संस्थान को आर्थिक हानी पहुँचाने में लगे रहते हैं। देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग करें।
Pay

ताज़ा खबरों की अपडेट अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करे सुदर्शन न्यूज़ का मोबाइल एप्प

Comments

संबंधि‍त ख़बरें

ताजा समाचार