प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार 29 अप्रैल 2025) को तीनों सेना प्रमुखों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की, जिसका सीधा असर पाकिस्तान में महसूस हुआ। हमले के डर से वहां के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने मंगलवार देर रात 2 बजे अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला ली। कारण सिर्फ इतना था कि वह दुनिया को यह बता सकें कि भारत अगले 24 से 36 घंटे में सैन्य कार्रवाई कर सकता है।
इस बयान ने साफ कर दिया कि भारत के कड़े रुख से पाकिस्तान में डर घर कर गया है। हालात ऐसे बन चुके हैं कि पूरी पाकिस्तान सरकार रात की नींद उड़ चुकी है। न सिर्फ हुकूमत, बल्कि पूरे मुल्क में खौफ का माहौल है।
पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने बुधवार को एक्स पर बयान जारी किया। उसने दावा किया कि पाकिस्तान के पास विश्वसनीय खुफिया जानकारी है, जिसके अनुसार भारत अगले 24 से 36 घंटों के अंदर पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई कर सकता है। अताउल्लाह ने यह भी कहा कि भारत ने किसी निष्पक्ष जांच के बजाय सीधे सैन्य रास्ता अपनाने का निर्णय लिया है, जो क्षेत्रीय शांति के लिए खतरे की घंटी हो सकता है।
तरार ने यह भी कहा कि पाकिस्तान सरकार ने इस मामले की निष्पक्ष और स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ जांच करने की पेशकश की थी, लेकिन भारत ने इसे खारिज कर दिया और टकराव की राह चुनी। पाकिस्तान के इस प्रस्ताव को भारत ने नकारते हुए कार्रवाई के रास्ते पर आगे बढ़ने का फैसला लिया।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने एक मीडिया एजेंसी से बातचीत में कहा कि पाकिस्तान हाई अलर्ट पर है और अगर भारत हमला करता है तो हम उसका जवाब देंगे। उसने यह भी कहा कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों का उपयोग तब करेगा, जब देश के अस्तित्व को गंभीर खतरा होगा।
PM ने सेना को दी खुली छूट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बयान में स्पष्ट किया कि भारतीय सेना को आतंकवादियों को जड़ से उखाड़ने के लिए पूरी स्वतंत्रता दी गई है। इसके बाद भारत ने कई कड़े कदम उठाए हैं, जिनसे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। भारत ने सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया, पाकिस्तान के अधिकारियों को भारत छोड़ने का आदेश दिया और साथ ही उनके वीजा रद्द कर दिए।
बता दें कि मंगलवार (22 अप्रैल 2025) को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई। इस घटना ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति और भी गंभीर कर दी है। भारत ने इस हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठनों का हाथ होने का आरोप लगाया है, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताया है।